ज़ुबिन गर्ग मौत मामले में चार्जशीट शीघ्र : मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 5 दिसंबर (हि.स.)। मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर एसआईटी को 6 से 12 दिसंबर के बीच अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत करने का लक्ष्य दिया गया है, ताकि 18 दिसंबर की अदालत-निर्धारित समय-सीमा से पहले दस्तावेज जमा किया जा सके।

एसआईटी अधिकारियों के अनुसार, चार्जशीट तैयार करने के लिए टीम लगातार दिन-रात काम कर रही है। जांच अधिकारी रोजी कालिता सुबह 3 बजे तक सीआईडी मुख्यालय में मौजूद रहीं और नौ सदस्यीय टीम के साथ साक्ष्य एवं गवाहों के बयान संकलित किए। एसआईटी अब तक लगभग 3,500 पन्नों का दस्तावेज तैयार कर चुकी है, जिसे एडवोकेट जनरल की मौजूदगी में समीक्षा किया गया।

उल्लेखनीय है कि, इस मौत के मामले को एसआईटी ने दुर्घटनाग्रस्त होकर डूबने से हुई मौत के बजाय जुबिन हत्या के रूप में देखा है। टीम यह जांच कर रही है कि कहीं किसी साजिश या लापरवाही के कारण तो गर्ग की मौत नहीं हुई।

सिंगापुर में 19 सितंबर को आयोजित नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के दौरान उनकी मौत ने पूरे असम को झकझोर दिया था, जिसके बाद राज्य भर में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हुईं।

चार्जशीट में उन सात अभियुक्तों के खिलाफ आरोप शामिल किए जाएंगे जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं— फेस्टिवल आयोजक श्यामकानू महंत, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, चचेरे भाई व डीएसपी संदीपन गर्ग, ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी, को-सिंगर अमृत प्रभा महंत, तथा दो अंगरक्षक परेश बैस्या और नंदेश्वर बोरा शामिल हैं।

एसआईटी लगभग 300 लोगों के बयान शामिल कर रही है, जिनमें शिकायतकर्ता और गर्ग की पत्नी गरिमा गर्ग भी हैं। इसके अलावा, सिंगापुर पुलिस व मेडिकल अधिकारियों की रिपोर्ट, असम के डॉक्टरों की राय तथा फोरेंसिक साक्ष्य भी दस्तावेज़ का हिस्सा होंगे। सिंगापुर पुलिस की प्राथमिक जांच में भले ही कोई संदिग्ध परिस्थिति नहीं मिली, लेकिन भारतीय जांच एजेंसियों ने कई बिंदुओं पर अलग दृष्टिकोण अपनाया है।

जांच में वित्तीय अनियमितताओं के संकेत भी मिले हैं। गर्ग के पीएसओ के खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन पाए गए हैं, जिसके चलते एसआईटी इस पहलू की भी बारीकी से जांच कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नवंबर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 208 के तहत अनुमति मिलने के बाद कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ी है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा है कि वे मामले की तेज़ सुनवाई के लिए गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करने का अनुरोध करेंगे।

ज़ुबिन गर्ग को असम में सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है और उनकी मौत ने राज्य में गहरा जनभावनात्मक असर छोड़ा है। जांच टीम अब चार्जशीट को अंतिम रूप देने में जुटी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश