क़ब्रिस्तान भूमि पर अवैध प्लॉटिंग और रिकॉर्ड में हेराफेरी का गम्भीर आरोप

गोरखपुर, 11 दिसम्बर (हि.स.)। क़ब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्ज़ा, फर्जी दस्तावेज़ और सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी का मामला सामने आया है। क़ब्रिस्तान कमेटी ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजकर पूरे प्रकरण की तत्काल जाँच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बसंतपुर हबर्ट बाँध के पास स्थित क़ब्रिस्तान की भूमि पर कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे हेराफेरी कर जमीन को अपने नाम दर्ज कराने का प्रयास किया गया। कमेटी सदस्यों ने बताया कि यह भूमि “क़ब्रिस्तान” के रूप में लम्बे समय से दर्ज है और सूफी संतों के अलावा क्षेत्र के लोग इसी स्थान पर दफनाए जाते रहे हैं।

प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि क़ब्रिस्तान की पवित्र भूमि को कुछ लोगों ने छल-कपट और जालसाज़ी के ज़रिये व्यक्तिगत नाम पर दर्ज करा लिया है। कमेटी ने बताया कि सरकारी अभिलेखों में पहले से दर्ज 1292 फसली, 1323 फसली और पुराने नंबर 1885 बीघा के रिकॉर्ड में धांधली कर धारा 351 के तहत मुकदमे भी दर्ज हुए थे।

क़ब्रिस्तान कमेटी ने यह भी बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा 377 रकबा 54 डिसमिल भूमि को भी क़ब्रिस्तान से जोड़कर फर्जी तरीके से अपने नाम दाखिल कराने की कोशिश की गई है। करीब 18 व्यक्तियों के नाम पर जमीन दाखिल–खारिज कराने का प्रयास भी बताया गया है।

कमेटी का आरोप है कि उन्होंने 27 नवम्बर 2025 को भी इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि क़ब्रिस्तान की भूमि को कब्ज़ा–मुक्त कराते हुए रिकॉर्ड से अवैध प्रविष्टियाँ हटाई जाएं और पुनः क़ब्रिस्तान के नाम दर्ज की जाए। क़ब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारियों ने प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय