मुंबई, (सं.)। मालाड पश्चिम के ‘मुंबई पब्लिक मालवणी टाउनशिप स्कूल’ में एक निजी संस्था द्वारा अयोग्य शिक्षकों की भर्ती का आरोप लगा है। नागपुर विधानसभा में इस मामले के उठने के बाद स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने पूरे मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि केद्रीय कानून व सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इस पूरे मामले के विस्तृत जांच कराई जाएगी। यह मामला मालवणी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक असलम शेख ने सदन में उठाय़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि मालाड पश्चिम के ‘मुंबई पब्लिक मालवणी टाउनशिप स्कूल’ में अयोग्य टीचरों की भर्ती की गई है. उन्होंने दावा किया है कि इस बीएमसी स्कूल में टीईटी पास न करने वाले टीचरों की भर्ती करके छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस स्कूल में एक प्राइवेट संस्था अयोग्य टीचरों की भर्ती कर रही है। इस बीएमसी स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की पहली से पांचवीं तक की कक्षा में टीईटी परीक्षा पास करने वाले योग्य टीचरों का जबरदस्ती और मनमाने तरीके से ट्रांसफर किया गया। वहां एक प्राइवेट संस्था ने अयोग्य टीचरों की भर्ती की। समय के साथ छठी से आठवीं और नौवीं से दसवीं क्लास भी एक प्राइवेट संस्था को दे दी गई। पूरी भर्ती प्रक्रिया शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके की गई। जबकि साल 2013 से प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में टीचर बनने के लिए टीईटी या सीटीईटी पास करना आवश्यक है।
सदन में चर्चा के दौरान राज्यमंत्री माधुरी मिसाल ने साफ किया कि भर्ती प्रक्रिया बीएमसी की नीति के अनुसार की गई और अभिभावकों के बीच गलतफहमी दूर कर दी गई है। इसके बाद भी शेख टीईटी का मुद्दा उठाते रहे हैं। इस दौरान कौशल विकास व मुंबई उपनगर के सह पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने भी शेख पर निशाना साधा।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार



