ठाणे मनोचिकित्सालय में पेड़ कटने पर सीएम का जांच का आदेश

Investigation trees felling psychiatrist hospital

मुंबई,11 दिसंबर ( हि.स.) । ठाणे क्षेत्रीय मनोचिकित्सालय क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के प्रस्ताव के खिलाफ पर्यावरणविद डॉ. प्रशांत सिनकर के बयान पर मुख्यमंत्री ऑफिस ने तुरंत ध्यान दिया है। ऑफिशियली बताया गया है कि मुख्यमंत्री सेक्रेटेरिएट ने डॉ. सिनकर का बयान आगे जांच की कार्रवाई के लिए सीधे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को भेज दिया है।

ठाणे शहर के बीच में मेंटल हॉस्पिटल एरिया शहर का बहुत ज़रूरी ग्रीन एरिया माना जाता है। सैकड़ों साल पुराने पेड़ों से ढकी यह बेल्ट ऑक्सीजन का नेचुरल सोर्स है और टेम्परेचर कंट्रोल करने में भी मदद करती है। लेकिन कुंभ मेले, डेवलपमेंट के कामों और रिकंस्ट्रक्शन के नाम पर पिछले कुछ सालों में इस एरिया में पेड़ों की कटाई की एक्टिविटीज़ ने ज़ोर पकड़ लिया है। लोकल पर्यावरणविद, नागरिक और ऑर्गनाइज़ेशन भी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।

यह बताते हुए कि माइग्रेटेड पेड़ों की मॉर्टेलिटी रेट बहुत ज़्यादा है, लिविंग ट्रीज़ डॉ. प्रशांत सिंकर ने एक बयान में कहा, बचाना ही विकास की सही दिशा है। उन्होंने इस बात पर खास ज़ोर दिया कि पेड़ माइग्रेशन के बाद ज़्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहते, उनकी जड़ें टूट जाती हैं, और मिट्टी में बदलाव के कारण कुछ ही महीनों में पेड़ गिर जाता है या सूख जाता है।

चीफ मिनिस्टर ऑफिस का बयान पर तुरंत ध्यान देना इस एनवायरनमेंटल मुद्दे की गंभीरता को दिखाता है। ऐसे संकेत हैं कि एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर इस मुद्दे को गंभीरता से देखा जा रहा है। चूंकि मामला अब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को भेज दिया गया है, इसलिए संभावना है कि अगला फैसला तेज़ी से होगा और असल स्थिति का फिर से रिव्यू किया जाएगा।

इस इलाके के पेड़ सिर्फ़ हरियाली ही नहीं, बल्कि बायोडायवर्सिटी का घर भी हैं। कई दुर्लभ पक्षियों का घर, ठंडक देने वाली कुदरती छांव, बारिश का पानी ज़मीन में सोखने वाली जड़ें, और प्रदूषण सोखने वाली पत्तियां, ये सब चीज़ें सिर्फ़ इन पेड़ों की वजह से ही मुमकिन हो पाई हैं। इसलिए, एक्सपर्ट्स को डर है कि अगर पेड़ काटे गए, तो इससे ठाणे शहर का इकोलॉजिकल बैलेंस बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉ प्रशांत रवींद्र सिनकर का कहना है कि पेड़ों की कटाई सिर्फ़ लकड़ी कम करने के बारे में नहीं है... यह क्वालिटी कम करने के बारे में भी है। हमारे शहर का। यह ज़िंदगी की रस्सी काटने जैसा है। हर पेड़ जो गिरता है, वह ठाणे के भविष्य से एक पत्ता टूट जाता है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा