केंद्रांश की राशि नहीं मिलने से अधूरी हैं नल-जल की कई योजनाएं : पेयजल मंत्री
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- Dec 10, 2025
-झारखंड में नल-जल योजना की 40 प्रतिशत से अधिक परियोजनाएं अधूरी
रांची, 10 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड में नल-जल योजना का कार्य धन की कमी के कारण प्रभावित हो रहा है। केंद्रांश की पर्याप्त राशि समय पर नहीं मिलने से कई जिलों में परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। यह बातें राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नों का उत्तर देते हुए कही।
मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में इस योजना के तहत 97,535 परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें से 56,386 पूरी हो चुकी हैं। बाकी योजनाएं निर्माणाधीन हैं और संसाधनों की कमी के चलते उनके कार्यों में देरी हो रही है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि केंद्र से अपेक्षित धन उपलब्ध नहीं होने के बावजूद राज्य सरकार अपने हिस्से की 1231 करोड़ रुपये की राशि से परियोजनाओं को गति देने का प्रयास कर रही है।
इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक हेमलाल मुर्मू ने संथाल परगना क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति योजनाओं की खराब स्थिति पर सवाल उठाया।उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में योजनाएं चालू होते हुए भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, जबकि अधूरे कार्यों के बावजूद एजेंसियों को भुगतान कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी पूछा कि लिट्टिपाड़ा और डिप्टी पाड़ा प्रखंडों में गंगा नदी से जलापूर्ति की कोई योजना लागू की जा रही है या नहीं।
जवाब में मंत्री ने कहा कि गंगा नदी से प्रस्तावित जलापूर्ति योजनाओं की सूची वे संबंधित विधायक को उपलब्ध करा देंगे।
मुर्मू ने आगे बताया कि इन दोनों प्रखंडों में 40 प्रतिशत से अधिक कार्य अधूरे पड़े हैं। इस पर मंत्री ने स्वीकार किया कि धन की कमी के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (लोजपा-आर) के विधायक जनार्दन पासवान ने आरोप लगाया कि चतरा जिले में नल-जल योजना के तहत कोई काम नहीं हुआ है और यहां “सिर्फ लूट” हुई है। उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग की।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak



