केंद्रीय राशि के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई नोक-झोक, मंत्री ने कहा मिलने के लिए समय नहीं देते केंद्रीय मंत्री
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- Dec 11, 2025
रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन गुरुवार को केंद्रीय राशि के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोक-झोक हुई। मामले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से अधिकारियों की टीम को दिल्ली जाकर मिलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बार-बार कहा जाता है कि केंद्रीय राशि के लिए विपक्ष सहयोग करे, लेकिन जब उन्होंने इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि को लेकर कुछ गाइडलाइन होते हैं जिसका पालन करना राज्य के लिए जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गाइडलाइन की जगह राज्य सरकार ने खुद की अपनी गाइडलाइन बना ली इस वजह से केंद्र और राज्य के बीच राशि को लेकर सामंजस्य स्थापित नहीं हो पा रही है। बाबूलाल ने कहा कि वे भी जब क्षेत्र में जाते हैं तो पंचायतों में मुखिया पैसे की कमी की बात कहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति नहीं मिलने से एसटी और एससी के बच्चों को काफी परेशानी हो रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय राशि को लेने के लिए केंद्र सरकार की कुछ शर्तें होती हैं, जिसे राज्यों को पूरा करना होता है।
उन्होंंने कहा कि राशि को लेकर संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर या ग्रामीण विकास मंत्री या जरूरत पडे तो मुख्यमंत्री को दिल्ली जाना चाहिए और इस मामले पर केंद्रीय मंत्रियों से बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए। इस मामले में हमसभी सहयोग को तैयार हैं।
नेता प्रतिपक्ष को दी गई है गलत सूचना : मंत्री
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वे सरकार की ओर से कई बार सुन चुके हैं कि 15 में वित्त आयोग की राशि केंद्र की ओर से नहीं दी जा रही है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या यह मामला अनुपूरक बजट से संबंधित है, यदि नहीं है तो प्रश्नकाल को चलने देना चाहिए।
वहीं मामले पर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को किसी ने इस संबंध में गलत सूचना दी है। उन्होंने कहा कि वे 15 में वित्त आयोग के पैसे के लिए पिछले एक वर्ष से प्रयास कर रही हैं। इसे लेकर उन्होंने केंद्र सरकार को कई बार उन्होंने पत्राचार भी किया है। उन्हाेंने कहा कि 15 में वित्त आयोग के 2700 करोड रुपये के लिए केंद्र सरकार की ओर से शर्तें रखी गई थीं, जिसे हमारी सरकार ने पूरा किया। इसे लेकर विभाग के सचिव और निदेशक के साथ पिछले छह माह से दिल्ली जाकर भी केंद्रीय मंत्रियों से मिलने की कोशिश की, लेकिन मामले में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री मिलने का समय ही नहीं देते हैं।
मंत्री ने कहा कि राशि को लेकर केंद्र सरकार की बाद में लगाई गई चार शर्तों को भी हमारी सरकार ने पूरा किया। बावजूद इसके केंद्र की ओर से राशि नहीं दी जा रही है। विभागीय मंत्री ने कहा कि 24 नवंबर को उन्होंने दूरभाष पर भी बात कर केंद्रीय मंत्री से 15 वें वित्त आयोग के 1385 करोड रुपये देने का आग्रह किया।
साथ ही उन्होंने इसे लेकर दिल्ली में केंद्रीय संचिव विवेक भारद्वाज से मिलकर राशि देने का आग्रह किया था। इस पर उन्होंने राशि जल्द मुहैया कराने की बात कही, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार की ओर से अब तक राशि उपलब्ध नहीं कराई गई।
संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि अफसोस की बात है कि केंद्र सरकार की ओर से जानबूझकर राशि नहीं दी जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak



