रांची, 29 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड में पेसा (पंचायत अनुसूचित क्षेत्र विस्तार) नियमावली लागू होने पर झारखंड अगेंस्ट करप्शन के केंद्रीय अध्यक्ष दुर्गा उरांव ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि पेसा नियमावली लागू होना राज्य के आदिवासी और मूलवासी समाज के लिए ऐतिहासिक कदम है, लेकिन अब इससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि आम जनता इसकी वास्तविक भावना और प्रभाव को समझ सके।
उरांव ने कहा कि वर्तमान समय में ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जमीन दलालों का दबदबा, ब्लॉक और समाहरणालय स्तर पर अधिकारियों की तानाशाही, बालू-पत्थर खदानों से होने वाला अवैध उत्खनन और जल-जंगल-जमीन का अंधाधुंध दोहन आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। इन परिस्थितियों में भोले-भाले लोग अपनी बात खुलकर कहने में असमर्थ हैं और छोटी-छोटी गलतियों पर भी उन्हें पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।
दुर्गा उरांव ने कहा कि यदि उपराेक्त सभी समस्याओं का समाधान सही मायने में पेसा कानून में शामिल है और उसे प्रभावी रूप से लागू किया गया, तो आने वाले कई वर्षों तक हेमंत सोरेन को सत्ता से हटाना विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
उन्होंने सरकार से मांग किया कि पेसा कानून को कैबिनेट से पारित करने के बाद एक बड़ा सार्वजनिक आयोजन कर इसके प्रमुख बिंदुओं को जनता के सामने रखा जाए। उन्होंने कहा कि यदि पेसा नियमावली में कानून की मूल भावना से किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है, तो यह आदिवासी समाज के हित में नहीं होगा। लेकिन यदि हेमंत सोरेन सरकार ने आदिवासी मूलवासियों की जनभावनाओं के अनुरूप पेसा कानून को अपनी कैबिनेट से पारित किया है, तो यह निस्संदेह एक अत्यंत उत्साहजनक और स्वागतयोग्य कदम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar



