सदन में उठी माल–दंडछत्र माझी जाति को एससी में शामिल करने की मांग
- Admin Admin
- Dec 11, 2025
रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन में गुरुवार को झामुमो के विधायक समीर कुमार मोहंती ने गैर संकल्प के तहत माल और दंंडछत्र जाति को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल करने की मांग उठाई।
मोहंती ने कहा कि झारखंड में पूर्वी सिंहभूम, दुमका, पाकुड़ और गोड्डा जैसे जिलों में बड़ी संख्या में माल और दंंडछत्र माझी जाति के लोग रहते हैं। जिन्हें बिहार सरकार के समय से ही बार-बार अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग में शामिल करने की मांग की जा रही है, लेकिन इसपर राज्य सरकार कोई पहल नहीं करती है। सदन में प्रभारी मंत्री दीपक बिरुआ ने मोहंती के सवालों का जवाब देते हुए कहा की जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) के आधार पर तय होती है कि किस समुदाय के क्या रहन-सहन, काम करने का तौर तरीका क्या है। इसका आंकलन करने के बाद टीआरआई अपनी रिपोर्ट, भारत सरकार को भेजती है। इसके बाद इसपर निर्णय आता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ग के पूर्व में दो बार एससी में शामिल करने संबंधित प्रस्ताव रद्द हो चुका है। इस वजह से यह अब संभव नहीं है। मंत्री ने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है। टीआरआई के रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जातीय प्रस्ताव पर भारत सरकार निर्णय लेगा।
इसपर मोहंती ने कहा कि राज्य सरकार का दायित्व है कि वह पहले अपने क्षेत्र में निवास करने वाले ऐसे समुदायों का सर्वे करे। उन्होंने कहा कि उक्त जाति को बंगाल में एससी का दर्जा दिया गया है और ओडिशा में ब्राह्मण के समुदाय के वर्ग में रखा गया है। यही समुदाय जो झारखंड की सीमावर्ती क्षेत्र में रहते हैं। उनका रहन-सहन और तौर तरीका सब कुछ एससी से मिलता जुलता है। बावजूद इसके इन्हें अनुसूचित जाति में शामिल नहीं करना विडंबना है। इसपर प्रभारी मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जब जनगणना का कार्य शुरू होगा तब इसे राज्य सरकार अपने स्तर से देखेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar



