रांची, 30 दिसंबर (हि.स.)। दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल की ओर से जीएसटी विभागीय ऑडिट को कैसे हैंडल करें और आईएफएससी (गिफ्ट सिटी) में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए अवसर विषय पर मंगलवार को सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार का आयोजन आईसीएआई की रांची शाखा की ओर से किया गया। कार्यक्रम के तकनिकी सत्र को रीजनल काउंसिल सदस्य और मेरठ के विशेषज्ञ सीए राजीव गुप्ता ने संंबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी विभागीय ऑडिट में नोटिस प्राप्त होते ही समयबद्ध और संतुलित प्रतिक्रिया देना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ऑडिट के दौरान रिटर्न, ई-वे बिल, आईटीसी, पुस्तक एवं अन्य दस्तावेजों का आपसी मिलान विशेष महत्व रखता है। विभागीय ऑडिट में सामान्य त्रुटियां आईटीसी विसंगतियां, वर्गीकरण की गलती और मूल्यांकन संबंधी चूक प्रमुख होती है। उन्होंने कहा कि सही डॉक्यूमेंटेशन और रिकॉर्ड-कीपिंग से अनावश्यक विवादों से बचा जा सकता है। ऑडिट टीम के साथ पेशेवर और पारदर्शी संवाद बनाए रखना जरूरी है। ऑडिट के बाद की कार्यवाही, स्पष्टीकरण और अपील प्रक्रिया की जानकारी सीए के लिए अत्यंत उपयोगी होती है।
आईएफएससी देश को वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाने दिशा में महत्वपूर्ण पहल
उन्होंने कहा कि आईएफएससी (गिफ्ट सिटी) देश को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आईएफएससी में कर प्रोत्साहन और सरल नियामकीय ढांचा उपलब्ध है। यहां कार्यरत इकाइयों के लिए जीएसटी, प्रत्यक्ष कर और अंतरराष्ट्रीय कराधान की भूमिका महत्वपूर्ण है। आईएफएससी में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए टैक्सेशन, ऑडिट, ट्रांजेक्शन एडवाइजरी और कंसल्टेंसी के व्यापक अवसर हैं। यह क्षेत्र वैश्विक क्लाइंट्स के साथ कार्य करने का मंच प्रदान करता है। गुप्ता ने कहा कि सीए के लिए आईएफएससी में विशेषज्ञता विकसित करना भविष्य के लिए लाभकारी है। निरंतर सीखना और अपडेट रहना इस क्षेत्र में सफलता की कुंजी है। यह विषय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशेवर विकास के लिए बेहद उपयोगी और मार्गदर्शक है।
इधर, सेमिनार की शुरूआत में उद्घाटन संबोधन में सीए अभिषेक केड़िया ने कहा कि जीएसटी विभागीय ऑडिट आज के परिवर्तित कर वातावरण में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने ऐसे सेमिनारों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने आईएफएससी (गिफ्ट सिटी) को भारतीय पेशेवरों के लिए भविष्य का उभरता हुआ अवसर करार दिया।
सेमिनार में सीए भुवनेश कुमार ठाकुर, सीए हरेंद्र भारती, अध्यक्ष सीपीई कमेटी और कार्यकारिणी सदस्य सीए दिलीप कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak



