जम्मू ने समग्र कृषि विकास योजना के तहत एसआरईपी 2025 के लिए फ्लैग ऑफ सेरेमनी की
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- Dec 11, 2025
जम्मू, 11 दिसंबर (हि.स.)।
जम्मू ने समग्र कृषि विकास योजना के तहत एसआरईपी 2025 के लिए फ्लैग ऑफ सेरेमनी की। कृषि मंत्री ने फील्ड बेस्ड लर्निंग के महत्व पर ज़ोर दिय। कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ऑफ़ जम्मू ने होलिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बाबा जित्तो ऑडिटोरियम चट्ठा में स्टूडेंट्स रूरल एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम 2025 के लिए फ्लैग ऑफ सेरेमनी का आयोजन किया।
जम्मू डिवीज़न के सभी ज़िलों से लगभग 800 छात्र इस बड़े एक्सपीरिएंशियल लर्निंग इनिशिएटिव में हिस्सा ले रहे हैं।
इस मौके पर एग्रीकल्चर प्रोडक्शन डिपार्टमेंट रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और पंचायती राज कोऑपरेटिव और इलेक्शन डिपार्टमेंट के मंत्री जाविद अहमद डार चीफ गेस्ट थे।
इवेंट में बोलते हुए जाविद डार ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में एग्रीकल्चरल ग्रोथ को बढ़ावा देने और किसानों की रोजी-रोटी को बेहतर बनाने में स्कास्ट-जम्मू की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह की यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चर में साइंटिफिक इनोवेशन टेक्नोलॉजी के प्रसार और कैपेसिटी बिल्डिंग की रीढ़ की हड्डी का काम करती हैं। स्टूडेंट्स से किसानों की तरह बनने किसानों के लिए काम करने और किसानों के साथ काम करने की अपील करते हुए उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि खेती की सच्ची समझ तब आती है
जब युवा प्रोफेशनल्स किसान कम्युनिटी की भावना हिम्मत और काम करने के तरीके को शेयर करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में खेती के विकास का भविष्य काफी हद तक स्टूडेंट्स के योगदान पर निर्भर करता है जिनके इनोवेशन और जुड़ाव से डिपार्टमेंट का काम और सेक्टर की तरक्की मज़बूत होगी।
मंत्री ने कहा कि एसआरईपी अलग-अलग एग्रो-क्लाइमैटिक ज़ोन में रियल-टाइम चुनौतियों को देखने और सबूतों पर आधारित प्लानिंग में योगदान देने का एक बहुत कीमती मौका देता है। होलिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम की तारीफ़ करते हुए उन्होंने किसान-केंद्रित कामों के लिए इसके ज़रूरी फाइनेंशियल सपोर्ट पर ज़ोर दिया। उन्होंने एस आर ई पी के ज़रिए एक्सपीरिएंशियल लर्निंग को इंस्टीट्यूशनल बनाने के लिए स्कास्ट-जम्मू की तारीफ़ की।
उन्होंने रेडियो किसान जम्मू 90.8 एफ एम जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए किसान-साइंटिस्ट कम्युनिकेशन के महत्व पर ज़ोर दिया उन्होंने स्टूडेंट्स को ग्रामीण कम्युनिटी के साथ गहराई से जुड़ने देसी ज्ञान को डॉक्यूमेंट करने और जम्मू और कश्मीर में खेती के सस्टेनेबल विकास में योगदान देने के लिए बढ़ावा दिया।
गेस्ट ऑफ़ ऑनर, वाइस-चांसलर, प्रोफेसर बी. एन. त्रिपाठी ने यूनिवर्सिटी की एकेडमिक और एक्सटेंशन एक्टिविटीज़ को मज़बूत करने के लिए एग्रीकल्चर मिनिस्टर की तारीफ़ की।
उन्होंने समग्र कृषि विकास योजना के महत्व को एक बदलाव लाने वाली पहल के तौर पर बताया जो किसानों की बेहतरी के लिए ज़रूरी फ़ाइनेंशियल मदद और स्ट्रेटेजिक दिशा देती है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एचएडीपी से फ़ंडेड एक्टिविटीज़ ने फ़ील्ड-बेस्ड लर्निंग को बेहतर बनाया है
किसानों तक पहुँच बेहतर की है और ज़मीनी स्तर के इनोवेशन का डॉक्यूमेंटेशन मुमकिन बनाया है। उन्होंने स्टूडेंट्स को एग्रो-क्लाइमेट डायवर्सिटी को एक्सप्लोर करने, लोकल चुनौतियों को समझने और एसआर ईपीप्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए एविडेंस-बेस्ड प्लानिंग और किसान-सेंट्रिक एक्सटेंशन कोशिशों में योगदान देने के लिए बढ़ावा दिया।
प्रोफेसर एस. के. गुप्ता डायरेक्टर रिसर्च ने क्लासरूम टीचिंग को असल दुनिया की एग्रीकल्चरल जानकारी के साथ पूरा करने के महत्व पर ज़ोर दिया। प्रोफेसर विनोद गुप्ता डिवीज़न ऑफ़ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन एजुकेशन ने एसआरईपी स्ट्रक्चर का डिटेल्ड ओवरव्यू पेश किया। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर वेटेरिनरी साइंसेज़ हॉर्टिकल्चर, डेयरी टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग बायोटेक्नोलॉजी और बेसिक साइंसेज़ के स्टूडेंट्स जम्मू डिवीज़न में विलेज प्रोफ़ाइलिंग हाउसहोल्ड सर्वे, रिसोर्स मैपिंग और कम्युनिटी इंटरैक्शन करेंगे।
एजुकेशन डायरेक्टर प्रोफेसर संजय खार ने बताया कि एस आर ईपी पार्टिसिपेटरी अप्रेज़ल साइंटिफिक ऑब्ज़र्वेशन और कम्युनिटी एंगेजमेंट में ज़रूरी काबिलियत बनाता है। एक्सटेंशन डायरेक्टर प्रोफेसर अमरीश वैद ने कहा कि एस आर ईपी स्टूडेंट-किसान कोलेबोरेशन को बढ़ाता है, रियल-टाइम फील्ड इश्यूज़ के डॉक्यूमेंटेशन में मदद करता है और एचएडीपी के तहत ज़रूरत के हिसाब से इंटरवेंशन की पहचान करने में मदद करता है।
इसके बाद स्टूडेंट रिप्रेजेंटेटिव्स ने प्रोग्राम से अपनी उम्मीदें शेयर कीं, और हैंड्स-ऑन लर्निंग में हिस्सा लेने और गांव के डॉक्यूमेंटेशन और कम्युनिटी एंगेजमेंट में योगदान देने के लिए उत्साह दिखाया।
इस प्रोग्राम में सभी स्टैच्युटरी ऑफिसर्स डायरेक्टर्स फैकल्टी मेंबर्स लाइन डिपार्टमेंट्स के मेंबर्स, नॉन-टीचिंग स्टाफ और स्टूडेंट्स शामिल हुए। बाद मे यूनिवर्सिटी ने अपने कम्युनिटी रेडियो रेडियो किसान जम्मू 90.8 एफ एम के ब्रोशर का उद्घाटन किया जो एक बड़ा एक्सटेंशन आउटरीच प्लेटफॉर्म है जिसे पूरे इलाके के किसानों को एग्रीकल्चरल सलाह, एक्सपर्ट्स से बातचीत मौसम की जानकारी और सफलता की कहानियां देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
वहां मौजूद लोगों में डायरेक्टर ग्रामीण विकास विभाग जम्मू डायरेक्टर एग्रीकल्चर जम्मू डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर जम्मू डायरेक्टर एनिमल हसबैंड्री जम्मू और डायरेक्टर शीप हसबैंड्री जम्मू शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / SONIA LALOTRA



