मप्र में मौलाना मदनी के बयान पर विहिप और हिंदू संगठनों का जाेरदार विरोध प्रदर्शन, कानूनी कार्रवाई की मांग

विहिप, हिन्दू जागरण मंच और विभिन्न संगठनों ने पूछा- कहां हो रहा मुसलमानों पर जुल्‍म?

भोपाल, 30 नवंबर (हि.स.)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के 'जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा' वाले बयान को लेकर विरोध तेज हो गया है। विश्व हिंदू परिषद(विहिप), हिन्‍दू जागरण मंच और अन्‍य हिन्‍दू संगठनों ने रविवार को मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया और उनसे पूछा कि कहां पर मुसलमानाें पर जुल्म हो रहा है? साथ ही उन्होंने मौलाना मदनी के वक्‍तव्‍य पर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मदनी के पुतले पर जूते-चप्पलों की माला पहनाई और उस पर जूते भी फेंके। इसके बाद मदनी का पुतला फूंका। संगठनों ने इसे देश और हिंदू समाज के खिलाफ दिया गया बयान बताया है। विश्‍व हिन्‍दू परिषद (विहिप)के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता विनोद बंसल ने कहा, “भोपाल की पावन धरा पर जमीयत के प्रमुख मौलाना मदनी ने जिस तरह का जिहादी जहर उगला है, वह संपूर्ण भारत की आंखें खोल देने वाला है। मौलाना ने न सिर्फ मुस्लिम युवाओं को जिहाद के लिए उकसाकर उन्हें आतंक की राह पर धकेलने का कुत्सित प्रयास किया है वरन, 'वंदे मातरम' गाने वालों को मरी हुई कौम का बताकर हमारे सभी स्वतंत्रता सेनानियों, वीर योद्धाओं और देशभक्त जनता का घोर अपमान किया है।”

बंसल ने कहा कि मौलाना यहीं नहीं रुके, उन्होंने उच्चतम न्यायालय पर भी अपनी गंदी जुबान से हमले करते हुए उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय की सर्वोच्चता को नकारने का दुस्साहस भी किया है। इस बयान से ना सिर्फ मुस्लिम समाज में मजहबी कट्टरता व आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा बल्कि वन्दे मातरम् तथा हमारी महान निष्पक्ष न्याय व्यवस्था के प्रति असम्मान का भाव भी बढ़ेगा। उन्होंने एक तरह से विश्व भर में (खासकर भारत में) बढ़ते आतंकवादी घटनाओं और उनमें शामिल जिहादी आतंकियों को बचाने का षड्यंत्र भी किया है, जो एक सभ्य और शांतिपूर्ण समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है। उन्‍होंने कहा, मदनी जैसे लोग मुस्लिम युवाओं को ‘जुल्म, जन्नत और जिहाद’ जैसे नारों के नाम पर भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके साथ विहिप की ओर से विनोद बंसल ने मांग की, “इन वक्तव्यों पर कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा तो कठोर कार्रवाई

अपेक्षित ही है, अब मुस्लिम समाज को भी तय करना चाहिए कि वे आखिर कब तक जन्नत के लोभ में ऐसे जिहादी मौलाना के नेतृत्व में अपने नवयुवकों को यूं ही देश विरोधी और आतंकी फैक्ट्रियों के प्रोडक्ट बनाते रहेंगे! सर्वोच्च न्यायालय को भी न्याय के इन शत्रुओं पर कार्रवाई करनी चाहिए।” वहीं, हिन्‍दू जागरण मंच और बजरंग दल के नेताओं में विहिप के प्रांत मंत्री जितेंद्र चौहान ने भी मौलाना मदनी से यह पूछा कि, वे बताएं देश में कहां हो रहा है मुसलमानों पर अत्‍याचार? देश का बंटवारा धर्म के आधार पर मुसलमानों ने पहले ही करवा लिया था, क्‍या उन्‍हें फिर से एक नया पाकिस्तान चाहिए? मौलाना महमूद मदनी जिहाद का समर्थन कर मुस्लिम युवाओं को बहका रहे हैं, लग रहा है जैसे वे गृह युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।

उल्‍लेखनीय है कि शनिवार को भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मौलाना महमूद मदनी ने कहा था कि मौजूदा दौर में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें बढ़ गई हैं। जिहाद जैसे मुकद्दस शब्द को आतंक और हिंसा से जोड़ना जानबूझकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद जैसे शब्द मुसलमानों को बदनाम करने के लिए गढ़े गए हैं। इस्लाम में जिहाद का मतलब अन्याय और ज़ुल्म के खिलाफ संघर्ष है। जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा। एक तरह से ये वाक्‍य कहकर मौलाना ने जिहाद का भरसक समर्थन किया और इस्‍लामिक आतंकवाद को भी जो जिहाद के नाम पर होता है, सही ठहराने का प्रयास किया है, इसलिए अब विहिप एवं अन्‍य हिन्‍दू संगठन मौलाना मदनी के वक्‍तव्‍य का विरोध कर रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी