स्पेन भेजने के नाम पर कैथल के युवक को इटली में बनाया बंधक

पुलिस ने पांच के खिलाफ दर्ज किया मामला

कैथल, 29 दिसंबर (हि.स.)। विदेश भेजने का झांसा देकर एक युवक को इटली में बंधक बनाए जाने और पाकिस्तानी एजेंट द्वारा 12 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने का मामला सामने आया है। रकम हवाला के माध्यम से लेने के बाद युवक को छोड़ा गया। इस संबंध में राजौंद निवासी अंकित की शिकायत पर साेमवार काे पुलिस ने पांच के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

शिकायतकर्ता अंकित ने बताया कि वह अक्टूबर 2023 में काम के सिलसिले में अर्मेनिया गया था और सितंबर 2024 में वापस भारत लौटा। अर्मेनिया में उसकी पहचान उत्तर प्रदेश निवासी मोहन प्रताप सिंह से हुई थी। मार्च 2025 में दोनों मॉरिशस गए, जहां से उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया। इसके बाद मोहन प्रताप ने उसे स्पेन भेजने का भरोसा दिलाया।

अगस्त 2025 में दिल्ली में अंकित की मुलाकात मोहन प्रताप, कुलदीप सिंह, उत्तर प्रदेश निवासी प्रिंस और अन्य एजेंटों से हुई। इस दौरान अंकित के रिश्तेदार रोहतक निवासी सुधीर और रुड़की निवासी विनय को भी स्पेन भेजने की योजना बनाई गई। चारों युवकों से स्पेन भेजने के नाम पर 17 लाख रुपये की मांग की गई।

चार सितंबर को चारों युवक जयपुर से तेहरान पहुंचे। वहां से उन्हें इटली में बंधक बना लिया गया। आरोप है कि एजेंटों ने उनके साथ मारपीट की और उनके पास मौजूद करीब 3200 अमेरिकी डॉलर भी छीन लिए। शिकायत में बताया गया कि 11 सितंबर को पाकिस्तानी एजेंट मोसा वहां पहुंचा और युवक के साथ मारपीट करते हुए उसके परिवार से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। उसने अंकित के जीजा रवि को फोन कर धमकी दी कि यदि युवक को जिंदा देखना है तो पैसे देने होंगे। वीडियो कॉल के जरिए दबाव बनाया गया, जिसके बाद 12 लाख रुपये में सौदा तय हुआ।

रंगदारी की राशि जालंधर (पंजाब) में हवाला के माध्यम से दी गई। पहचान के लिए एक दस रुपये का नोट भेजा गया था। पैसे मिलने के बाद 19 सितंबर को अंकित को वापस भारत भेज दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि मोहन प्रताप सहित अन्य एजेंटों ने आपसी मिलीभगत से उसके साथ धोखाधड़ी की।

पुलिस ने शिकायत के आधार पर कुलदीप सिंह, प्रिंस, पाकिस्तानी एजेंट मोसा, इटली निवासी मिट्ठू और मोहन प्रताप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज अत्रे