निर्वासित तिब्बती चुनाव 2026 : 91 हजार से अधिक मतदाता पंजीकृत, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टशी टॉपग्याल अयोग्य घोषित

धर्मशाला, 26 दिसंबर (हि.स.)। ​केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) के चुनाव आयोग ने वर्ष 2026 में होने वाले सिक्योंग (राष्ट्रपति) और 18वीं निर्वासित तिब्बती संसद के चुनावों की आधिकारिक घोषणाओं के बाद चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त लोबसांग येशी ने बताया कि आगामी चुनावों के लिए अब तक कुल 91,042 मतदाताओं ने अपना पंजीकरण कराया है। इनमें भारत, नेपाल और भूटान से 56,749 और विदेशों में रहने वाले 34,293 तिब्बती नागरिक शामिल हैं।

​आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए चलाए गए अपने व्यापक पब्लिक आउटरीच अभियान की सफलता पर भी प्रकाश डाला। 14 अक्टूबर से 8 दिसंबर, 2025 के बीच चुनाव आयोग ने भारत और विदेशों की 56 अलग-अलग जगहों पर 100 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को उनकी जिम्मेदारी समझाना और चुनाव नियमों के प्रति जागरूक करना था। आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनाव के लिए 14 बुनियादी और 8 पूरक दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं ताकि प्रचार के दौरान धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके।

​इसी बीच, चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई करते हुए सिक्योंग उम्मीदवार टशी टॉपग्याल को चुनाव लड़ने से रोक दिया है। आयोग ने टॉपग्याल पर चुनाव नियमों और कैंपेन गाइडलाइंस के बार-बार उल्लंघन का दोषी पाते हुए उनके मतदान करने और चुनाव लड़ने के अधिकार पर अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। यह फैसला 29 नवंबर, 2025 को धर्मशाला में उनकी उम्मीदवारी की घोषणा के दौरान किए गए कृत्यों की जांच के बाद लिया गया है।

​जांच रिपोर्ट के अनुसार टॉपग्याल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन चुनाव नियमों की वैधता पर सवाल उठाए थे, जो प्रचार सामग्री में धर्मगुरु दलाई लामा की तस्वीरों, तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान के इस्तेमाल पर रोक लगाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बैकग्राउंड में तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज का गलत तरीके से प्रयोग किया, जो कैंपेन नियमों का सीधा उल्लंघन है। चुनाव आयोग ने इसे निर्वासित तिब्बती चार्टर के अनुच्छेद 13 और 21 के प्रावधानों के खिलाफ माना है, जो संस्थानों के प्रति सम्मान और कानून के पालन से संबंधित हैं।

​मुख्य चुनाव आयुक्त लोबसांग येशी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की ईमानदारी, गरिमा और वैधता को बनाए रखना सर्वोपरि है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी उम्मीदवार या समर्थक तिब्बती संसद-निर्वासन द्वारा स्थापित कानूनों का उल्लंघन करता है, तो उसके विरुद्ध और भी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने सभी से चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और मर्यादित बनाने की अपील की है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया