विधानसभा सत्र : तपोवन में बेसहारा पशुओं की समस्या पर हुआ मंथन
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- Nov 28, 2025
धर्मशाला, 28 नवंबर (हि.स.)। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गैर-सरकारी सदस्य कार्य के तहत सुखराम चौधरी ने प्रदेश में बढ़ती हुई बेसहारा पशुओं की संख्या पर गौसदन बनाने के विषय पर संकल्प रखा।
पशुपालन मंत्री चौधरी चन्द्र कुमार ने जबाव देते हुए कहा कि बेसहारा पशुओं पर हर बार विधानसभा में चर्चा हो रही है। इसके लिए पंचायत स्तर पर भी कार्य करने व रणनीति बनाए जाने की जरूरत है। जब तक गाय दूध दे रही है तो हमारी, जब नहीं देती तो सरकार की है। राज्य में निजी गौसदन 260 जबकि सरकारी 15 है। गौसदन को लेकर 71 करोड़ 98 लाख रुपये खर्च किये, जबकि इस बार 40 करोड़ से अधिक रखे गए हैं। शराब में सेस डेढ़ से अढ़ाई रुपए किया गया है, उसे गौसदन को दिया जा रहा है। 700 रुपये को बढ़ाकर 1200 प्रदान किए जा रहे हैं।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि जंगल में बाड़ लगाने का प्रावधान नहीं किया जा सकता है। आज के समय तुड़ी महंगी है, ऐसे में सरकार की ओर से इतने बड़े स्तर पर प्रावधान नहीं है। मंत्री ने कहा कि पंचायतों के सम्मेलन किए जाएंगे। जिसमें पशु डॉक्टर व विशेषज्ञ भी भाग लेंगे। जिसमें टीकाकरण के परिणामों को देखा जाएगा, जबकि इनके अल्ट्रासाउंड भी करवाए जाएंगे। इन सभी विषयों को लेकर विस्तारपूर्वक योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है। जिसमें लोगों, किसानों व पशुपालकों को शामिल किया जाए।
चन्द्र कुमार ने कहा निजी गौशालाएं चलाने के नाम पर कई मामले सामने आ रहै हैं। गोशालाओं में 21 हजार 360 पशु रखे गए हैं। उन्होंने कहा विभिन्न विभागों को भी बेसहारा पशुओं को छोड़ने पर कार्रवाई की शक्तियां प्रदान की गई हैं। पशुओं के न होने से प्राकृतिक खेती के लिए भी खतरा बना हुआ है। सरकार की ओर से गोबर खरीदा जा रहा और दूध के मूल्य भी बढ़ाए गए हैं। हालांकि संकल्प को विधायक की सहमति से स्थगित कर दिया गया है।
इससे पहले पांवटा साहिब के विधायक सुखराम ने कहा कि आज के समय में प्रदेश के हर हिस्से में बेसहारा पशु देखने को मिल रही है। जिससे राज्य में पहले से ही जंगली पशुओं की ओर से बड़ा नुकसान किया जा रहा है। साथ ही अब बेसहारा पशुओं ने खेती में अपना पेट भरने के लिए पहुंच रहे हैं। विधायक ने कहा कि सड़कों में बड़े हादसे भी लगातार बेसहारा पशुओं से हो रहे है, जिनसे दोनों लोगों व पशुओं को नुकसान हो रहा है।
सुखराम चौधरी ने कहा कि राज्य में चार लाख से अधिक पशु है, अभी मात्र 27 ही गौसदन है, जिसमे 6800 के करीब ही पशुधन को आश्रय मिलता है। उन्होंने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार की ओर से इस संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे। जिसमें गौसदन आयोग बनने और राशि भी निर्धारित की गई थी। अब एक बार फिर से राज्य सरकार से इनके रखरखाव व आश्रय के लिए एकमुश्त गौशाला बनाए। जिसमें हजारों की संख्या में बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान किया जाए। विधायक ने पशुओं को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई में सजा व जुर्माने का प्रावधान किया जाना चाइए। उन्होंने हर विधानसभा के तहत एक-एक करके 68 गौसदन खोलने की बात कही।
बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल ने कहा कि बेसहारा पशुओं में प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से लोग यंहा पशु छोड़े जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें रोकने को लेकर सरकार को उचित कदम उठाने होंगे। लोग दूध देने तक अपने पास रझते है, उसके बाद सरकार के लिए छोड़े जाने का कार्य किया जा रहा है।
भरमौर के विधायक डॉ जनक राज ने कहा कि राज्य में डेढ़ लाख से अधिक पशु सड़कों में है। इसके लिए मिलझुल कर ऐसी योजना बनाई जानी चाइए, जिससे किसानों की फसल, पशुओं को बचाने व सड़क सुरक्षा पर काम करना होगा। विधायक ने पशु हेल्पलाइन जारी रखने, टैग की बजाय आधार नम्बर अंकित करने, गौ-संरक्षण नीति, गौ-पालक योजना, बंजर भूमि चारा योग्य बनाने, रेडियम पट्टे त्वरित लगाने व गम्भीर कार्रवाई की बात रखी। केंद्र से गौ संरक्षण के तहत फंड भी प्राप्त करने को प्रयास करने चाइए। डॉ जनक ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर दो हजार के करीब रेडियम पट्टे लिए है, जिन्हें लगाया जा रहा है।
जोगेंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने कहा कि बेसहारा पशुओं को संरक्षण देने के साथ ही सड़क सुरक्षा पर काम करना होगा। जोगेंद्रनगर में सवा दो करोड़ से गौसदन बन रहा है, जबकि अब उसमें बचे हुए कार्य को पूरा नहीं किया जा रहा है।
पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने कहा कि सदन में संवेदनशील विषय रखा गया है। पशुओं को लावारिश छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से वोट के आधार पर योजना बनाई जाती है, जबकि पूर्व सरकार ने उचित व्यवस्था की थी। उन्होंने कानून में सख्त प्रावधान किए जाने की मांग रखी है। जिले में पशुओं के उपचार के लिए भी उचिय व्यवस्था की जाए।
नाचन के विधायक विनोद कुमार ने कहा कि राज्य में कुछ समय से गाय-बैल की संख्या बढ़ रही है। रात के समय अधिकतर दुर्घटनाएं रात के समय पशुओं के कारण भी हो रही है। उन्होंने विभिन्न सुझाव देकर समस्या को हल करने की बात कही।
बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जंबाल ने कहा कि किसान व पशुपालक पशुओं को छोड़ रहे हैं, इसका कारण पशु चिकित्सालय में भी बड़े सुधार करने की जरूरत है। कई बार इंजेक्शन भी सही से नहीं लगाए जा रहे, उसके लिए कर्मचारी नहीं है। उन्होंने पशु तस्करी को लेकर भी मामले सामने आ रहे है, उसपर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाइए। पशु के घायल होने पर सूचना देने व उठाने की व्यवस्था तक नहीं की जा रही है। गौ- अभयारण्य बनाने चाइए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया



