विवादों में घिरी धर्मशाला मैराथन, धावकों ने लगाए कुप्रबंधन के आरोप

धर्मशाला, 26 दिसंबर (हि.स.)। कांगड़ा जिला मुख्यालय में हो रहे कांगड़ा वैली कार्निवल के उपलक्ष्य पर आयोजित धर्मशाला मैराथन विवादों में घिर गई है। मैराथन में भाग लेने पहुंचे 7 धावकों ने आयोजकों पर कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं। प्रतिभागियों का कहना था कि उन्हें मैराथन में भाग लेने के लिए एंट्री नहीं दी गई, जबकि उन्होंने बाकायदा फीस भरकर पंजीकरण करवाया हुआ था।

जानकारी के अनुसार धर्मशाला मैराथन उस समय विवादों में घिर गई जब सात धावकों ने आयोजकों पर कुप्रबंधन के गंभीर आरोप लगाते हुए बीच ट्रैक पर धरना दे दिया। इन प्रतिभागियों का आरोप है कि उन्होंने मैराथन के लिए समय पर ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था और निर्धारित शुल्क भी जमा किया था, लेकिन जब वे दौड़ के लिए पहुंचे तो लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था।

प्रतिभागियों ने बताया कि वे इस मैराथन में हिस्सा लेने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों से सुबह 4 बजे ही धर्मशाला पहुंच गए थे। काफी समय तक इंतजार करने के बाद जब उन्होंने आयोजकों से संपर्क किया और अपनी पंजीकरण रसीदें दिखाईं, तो उन्हें कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। आयोजकों की ओर से टालमटोल भरा रवैया अपनाने के कारण नाराज प्रतिभागियों ने मजबूर होकर ट्रैक पर ही बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया।

प्रतिभागियों का कहना है कि जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया, तब जाकर आयोजकों ने उनका शुल्क (रिफंड) वापस करने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, धावकों ने इसे ठुकराते हुए कहा कि वे यहां पैसे वापस लेने नहीं आए थे, बल्कि महीनों की तैयारी के बाद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपनी बात प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के सामने रखना चाहते थे, लेकिन उनसे भी उनकी मुलाकात नहीं करवाई गई। प्रशासनिक व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल हजारों की भीड़ वाली इस बड़ी मैराथन में प्रतिभागियों के साथ हुए इस व्यवहार ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

धावकों का आरोप है कि जब उन्होंने फीस जमा की थी, तो उन्हें पहले सूचित क्यों नहीं किया गया। साहब ने नहीं उठाया फोन

इस मैराथन को नगर निगम धर्मशाला जिला प्रशासन के सहयोग से करवा रहा था। मैराथन विवाद पर नगर निगम के आयुक्त जफर इकबाल से फोन पर संपर्क साधा गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया