काशी तमिल संगमम: तमिल शिक्षकों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का मुख्य भवन देखा
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- Dec 10, 2025
—विश्वविद्यालय परिवार ने अतिथियों का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया स्वागत
वाराणसी,10 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चल रहे काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण में भाग लेने तमिलनाडु से आए शिक्षकों के दल ने बुधवार अपरान्ह में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में भ्रमण किया। दल परिसर स्थित ऐतिहासिक मुख्य भवन देख अभिभूत नजर आया। दल ने ज्योतिष शास्त्र का वेधशाला एवं ऐतिहासिक सरस्वती भवन पुस्तकालय में रखे दुर्लभ पांडुलिपियों को देखा। पुस्तकालय के विस्तार भवन में रखे तीन लाख से अधिक दुर्लभ ग्रंथों का सूक्ष्मता से अवलोकन भी किया।
इस दौरान दल का नेतृत्व कर रहे डॉ गोविंदराजन ने कहा कि काशी को समझने के लिए देववाणी संस्कृत के इस मन्दिर में आना होगा,आज हमारी टीम को यहां गौरव की अनुभूति हुई। यहां संपूर्ण भारत की आत्मा निहित है। इसके पहले तमिल शिक्षकों का विश्वविद्यालय में वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच भव्य स्वागत किया गया। तमिल शिक्षकों के दल का स्वागत कर कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संपूर्ण भारत को एक सूत्र मे जोड़ने की परिकल्पना काशी तमिल संगमम से की है। इसके माध्यम से संपूर्ण भारत में राष्ट्रीयता, पारस्परिक-सद्भाव,स्वाभिमान जागृत हो रहा है। यह उनकी दूर दृष्टि का ही परिणाम कि लोग इतने उत्साह , उमंग व सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण कर राष्ट्रीयता के भाव से इस कार्यक्रम से जुड रहे हैं। आज उत्तर और दक्षिण का भेद भाव का शमन हो रहा है,भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं भारतीयता का भाव जन जन में पुष्पित पल्लवित हो रहा है। आज दोनों प्रदेश एक भाव में संकल्प साधना में लगे हुए हैं।
कुलपति ने कहा कि आप तमिलनाडु से काशी आते हैं और काशी में भारतीय संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन करते हुए भारत को भारत बनाते हुये उत्तर व दक्षिण के भेद को मिटाते हुये विविधता में एकता को स्थापित कर आगे बढ़े। तमिल दल के साथ काशी तमिल संगमम 04 के संयोजक डॉ कुप्पा विल्वेश स्वामी,बीएचयू के डॉ जगदीशन भी मौजूद रहें।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी



