खड़गपुर में विभिन्न स्थलों पर तुलसी पूजन, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
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- Dec 25, 2025




खड़गपुर, 25 दिसंबर (हि. स.)। 25 दिसंबर को खड़गपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न स्थलों पर तुलसी पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए, सनातन संस्कृति में पूजनीय मानी जाने वाली तुलसी के धार्मिक, औषधीय और पर्यावरणीय महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
सनातन परंपरा के अनुसार, तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिय माना गया है। मान्यता है कि तुलसी पूजन से घर में सुख-शांति, आरोग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, इसी विश्वास को आधार बनाकर नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक तुलसी पूजा और जागरूकता कार्यक्रम किए गए।
शहर और ग्रामीण इलाकों के मंदिर प्रांगणों, स्कूल परिसरों तथा सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक रूप से तुलसी पूजा की गई। श्रद्धालुओं के बीच तुलसी पौधों का वितरण किया गया और सनातन संस्कृति में तुलसी के स्थान व महत्व पर चर्चा की गई, इन कार्यक्रमों के संचालन में योग वेदांत सेवा समिति ने सक्रिय भूमिका निभाई।
वेदांत सेवा समिति की ओर से बताया गया कि चरणबद्ध रूप से तुलसी महिमा जागृति यात्राएं निकाली गईं, छह दिसंबर 2025 को बालाजी मंदिर ओल्ड सेटलमेंट, सात दिसंबर 2025 को बालीचक गांव में तुलसी पूजन दिवस पर जागृति यात्रा आयोजित की गई थी,। इसके बाद 13 दिसंबर 2025 को बालाजी मंदिर मलांचा, 14 दिसंबर 2025 को जगन्नाथ मंदिर चौक, 18 दिसंबर 2025 को शिर्डी साई बाबा मंदिर न्यू सेटलमेंट तथा 21 दिसंबर 2025 को भारत प्राइमरी स्कूल, छोटा आइमा खड़गपुर में तुलसी महिमा जागृति यात्रा निकाली गई।
इन कार्यक्रमों के दौरान लोगों के बीच तुलसी पौधों के साथ आश्रम की मासिक पत्रिका ‘ऋषिप्रसाद’ का भी वितरण किया गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े बैनर लगाए गए। साथ ही कई स्थानों पर प्रोजेक्टर के माध्यम से तुलसी की महिमा, उसके औषधीय गुणों और पर्यावरणीय लाभों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई गई।
तुलसी पूजन कार्यक्रमों के दौरान बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। सामूहिक तुलसी पूजा और भंडारे का भी आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



