धमतरी : ग्राम खट्टी नहीं बन पा रहा है स्वतंत्र ग्राम पंचायत, शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण
- Admin Admin
- Nov 28, 2025
धमतरी, 28 नवंबर (हि.स.)। 1000 से 1100 मतदाता वाले आश्रित ग्राम खट्टी को स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाने की मांग यहां के ग्रामीण पिछले 10 सालों से कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर चप्पल घिस रहे हैं, लेकिन उनकी मांग को क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों के राजनीतिक स्वार्थ के कारण हरी झंडी नहीं मिल पा रहा है। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
आक्रोशित खट्टी के ग्रामीणों की भीड़ 28 नवंबर को पुन: कलेक्ट्रेट पहुंचकर नगर पंचायत करेलीबड़ी से पृथक कर ग्राम खट्टी को स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक शांति से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब मांगे पूरी नहीं हुई, तो उग्र कदम उठाकर कई तरह के आंदोलन करने मजबूर होंगे।
कलेक्ट्रेट कार्यालय धमतरी पहुंचे ग्राम खट्टी के ग्राम विकास समिति के सचिव लुकेश कुमार साहू, ग्राम पटेल भागवत राम साहू, तीजूराम साहू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य तुलेश्वर साहू, यशवंत साहू, यदुनंदन साहू पूर्व सरपंच, लालजी साहू समेत ग्रामीणों की भीड़ नगर पंचायत करेलीबड़ी से ग्राम खट्टी को पृथक कर स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाने की मांग की है। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहा है कि करेलीबड़ी में मतदाताओं की संख्या अधिक है। अकेला गांव में 5000 मतदाता है, जो नगर पंचायत बनने में सक्षम है। ग्राम खट्टी को शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है। अकेला करेलीबड़ी को नगर पंचायत बनाया जाता है, तो ग्राम खट्टी स्वमेव स्वतंत्र ग्राम पंचायत हो जाएगा, लेकिन क्षेत्र के कुछ दमदार जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षेप व राजनीतिक स्वार्थ के चलते ग्राम खट्टी को स्वतंत्र ग्राम पंचायत नहीं बनाया जा रहा है। राजनीतिक हस्ताक्षेप बंद हो जाए, तो जल्द ही खट्टी स्वतंत्र पंचायत बन सकता है, क्योंकि 700 से 800 मतदाता वाले आश्रित ग्राम सौंगा, हरदी, चारभाठा को स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाया गया है, जबकि खट्टी की मतदाता 1100 के करीब है, ऐसे में यह आश्रित ग्राम आसानी से स्वतंत्र ग्राम पंचायत बन सकता है।
कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों की भीड़ संयुक्त कलेक्टर रामकृपाल से मिले, तो वर्ष 2011 को कारण बताया गया। फिर भी ग्रामीणों की मांग शासन को भेजने का आश्वासन दिया है। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 2021 में जनगणना नहीं हुआ, तो इसमें ग्रामीणों की क्या गलती है। कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे ग्राम खट्टी के ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम खट्टी को नगर पंचायत करेलीबड़ी में शामिल किया जाता है, तो गांव का पूरा विकास रूक जाएगा। क्योंकि पूरा गांव मिलकर दो से तीन वार्ड ही बनेगा और पूरे साल में गिनती के काम हो पाएगा, जो पर्याप्त नहीं है। जबकि गांव में 70 प्रतिशत मजदूर परिवार और 30 प्रतिशत किसान है। इसलिए गांव में मनरेगा कार्य जरूरी है। नगर पंचायत बनने से गांव में मनरेगा कार्य बंद हो जाएगा। मकान टैक्स बढ़ जाएगा, इसके अलावा कई सरकारी योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित हो जाएंगे। ऐसे कई दिक्कतों के चलते ग्रामीण ग्राम खट्टी को नगर पंचायत करेलीबड़ी से पृथक कर स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाने की मांग कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा



