फर्जी बिल ट्रेडिंग कर करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी करने का मुख्य आरोपित सुमित गिरफ्तार

मुरादाबाद, 11 दिसम्बर (हि.स.)। फर्जी बिल ट्रेडिंग कर बोगस फर्मों पर करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी कर राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले गैंग के दिल्ली निवासी मुख्य अभियुक्त को अपराध शाखा मुरादाबाद सीट ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपित के पास से एक मोबाइल फोन तीन सिम कार्ड तीन लैपटॉप एक पैन कार्ड 15 डेबिट और क्रेडिट कार्ड व चेक बरामद हुए हैं।

पुलिस अधीक्षक यातायात अपराध सुभाष चंद्र गंगवार ने गुरुवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जीएसटी सहायक आयुक्त प्रभारी राज्य कर सचल दल इकाई द्वितीय एवं सिस्टम मुरादाबाद द्वारा एक फॉर्म ए के इंटरप्राइजेज व दूसरी फर्म सौरभ एंटरप्राइजेज द्वारा आयरन स्क्रैप का माल जा रहा था, जिसे पकड़ लिया। छानबीन पर पता चला इसमें पंजीकृत मोबाइल नंबर पर 62-62 कल 124 फॉर्म में पंजीकृत थी सभी फॉर्म में फर्जी दस्तावेज के द्वारा बनाई गई थी। मामले में तहरीर के आधार पर मुरादाबाद के थाना सिविल लाइन पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 839/2025 धारा 318 (4), 338, 336 (2) 340 (2) भारतीय न्याय संहिता में पंजीकृत किया था।

एसपी ट्रैफिक ने आगे बताया कि पुलिस महानिरीक्षक मुरादाबाद परीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक अपराध के पर्यवेक्षक और क्षेत्राधिकार अपराध के नेतृत्व में गठित एसआईटी की टीम द्वारा तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए विवेचना में अधिसूचना संकलन करके कार्रवाई प्रारम्भ की गई विवेचना विवेचनात्मक करवाई में मोहम्मद एक लाख मालिक और इत्तेफाक आलम उर्फ दानिश कबाड़ी को बीते 22 नवम्बर को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था इसी क्रम में आज मुख्य अभियुक्त बेस्ट दिल्ली के दत्ता मंदिर स्वरूप नगर निवासी सुमित कुमार पुत्र सुधीर कुमार को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित सुमित कुमार ने बताया कि उसने वर्ष 2020 से 2023 तक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहाँ जीएसटी में जो अकाउंटिंग का कार्य सीखा था। इसके बाद वर्ष 2024 में उसके द्वारा बोगस फर्मों को बनाने का कार्य किया गया। जिसके लिए उसने कुछ फर्जी सिम खरीदें और इन सिमों के माध्यम से फर्जी ईमेल आईडी तैयार की। इसके माध्यम से देश भर में ऑनलाइन लोन और जाब के लिए आवेदन करने वाले लोगों को गुमराह कर उनका आधार पैन कार्ड पासपोर्ट साइज फोटो तथा इसके बाद फर्जी रेंट एग्रीमेंट बिजली का बिल लेकर उसको फोटोशॉप से एडिटिंग कर फॉर्म के जीएसटी पोर्टल के लिए अप्लाई कर देता था जिसमें लगभग एक महीने का समय लगता था उसके द्वारा लगभग 500 से अधिक फर्मों का रजिस्ट्रेशन कराया गया। आरोपित का कहना है मेरे द्वारा लगभग 22 फर्जी सिमों व 15 ईमेल आईडी से घटनाओं को अंजाम दिया गया।

आरोपित सुमित कुमार को गिरफ्तार करने वाली टीम में उप निरीक्षक विवेक यादव, महिला सब इंस्पेक्टर पूजा, हेड कांस्टेबल अरुण प्रताप सिंह और कांस्टेबल प्रशांत शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल