जंगलमहल में आदिवासी अधिकार आंदोलन को लेकर बैठक

आदिवासी अधिकार आंदोलन को धार देने के लिए पारगना बाबा और मांझी बाबाओं की बैठकआदिवासी अधिकार आंदोलन को धार देने के लिए पारगना बाबा और मांझी बाबाओं की बैठक

मेदिनीपुर, 20 दिसंबर (हि.स.)।

आदिवासी समाज के न्यायोचित अधिकारों की स्थापना को लेकर चल रहा आंदोलन और अधिक संगठित रूप लेता जा रहा है। शुक्रवार देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा, जिसमें आगामी 22 दिसंबर को मेदिनीपुर जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तावित जन-डिपुटेशन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने की रणनीति तय की गई।

इसी क्रम में भारत जाकात मांझी पारगना महल, गड़बेता-तीन अंतर्गत बुगड़ी मुलुक के गोलोकदा आयमा मांझी छटका में शुक्रवार शाम एक महत्वपूर्ण सांध्यकालीन हाथे-बैठक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बैठक में परगना बाबा एवं मांझी बाबाओं ने नेतृत्व करते हुए आंदोलन की दिशा पर विस्तार से चर्चा की।

बैठक में बताया गया कि आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए दिन-रात अथक परिश्रम किया जा रहा है। वक्ताओं ने दो टूक कहा कि न तो थकान है और न ही पीछे हटने का सवाल—एकमात्र लक्ष्य है 22 दिसंबर के जन-डिपुटेशन को ऐतिहासिक सफलता दिलाना।

देर रात तक चली इस बैठक में स्थानीय मांझी, गोड़ेत एवं जागरूक आदिवासी समाज के लोगों ने प्रशासनिक उपेक्षा, संवैधानिक अधिकारों और संगठित जनआंदोलन की आवश्यकता पर अपने विचार रखे। सभी ने एकजुट होकर संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया।

बैठक के अंत में भारत जाकात मांझी पारगना महल जिंदाबाद, अविभक्त मेदिनीपुर जिला महल जिंदाबाद और बुगड़ी मुलुक जिंदाबाद के नारों से क्षेत्र गूंज उठा। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि दावा पूरा होने तक आंदोलन निरंतर जारी रहेगा और 22 दिसंबर आदिवासी अधिकारों की लड़ाई का निर्णायक दिन साबित होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता