रियासी में बाढ़ और भूस्खलन से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए 320 घरों के पुनर्निर्माण के लिए उपराज्यपाल ने रखी आधारशिला
- Neha Gupta
- Dec 27, 2025

जम्मू, 27 दिसंबर । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को रियासी जिले में बाढ़ और भूस्खलन से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए 320 घरों के पुनर्निर्माण के लिए आधारशिला रखी।
हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (एचआरडीएस इंडिया) द्वारा लगभग 32 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्त पोषित इस परियोजना के तहत रियासी के 320 प्रभावित परिवारों को सरकार पर बिना किसी बोझ के आधुनिक, पूर्वनिर्मित ‘स्मार्ट हाउस’ उपलब्ध कराए जाएंगे।
इससे पहले उपराज्यपाल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी और हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए किश्तवाड, राजौरी, पुंछ, उधमपुर, रामबन, जम्मू, कठुआ और सांबा सहित आठ जिलों में 1,869 घरों की आधारशिला रखी।
उपराज्यपाल ने एचआरडीएस-इंडिया के अध्यक्ष स्वामी आत्मा नम्बी और एनजीओ के सभी सदस्यों के निस्वार्थ योगदान की सराहना की। उपराज्यपाल ने कहा कि एचआरडीएस इंडिया की मदद से हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कोई भी परिवार कमजोर और वंचित न रहे। उपराज्यपाल ने कहा, “प्रभावित परिवारों के लिए घर केवल दीवारें और छतें नहीं हैं बल्कि वे सपनों और आकांक्षाओं का प्रतीक हैं और परिवार के सदस्यों के लिए गुणवत्तापूर्ण जीवन और व्यक्तिगत विकास की नींव हैं।“ उन्होंने कहा कि मैं इस आंदोलन को देश के लिए एक नई क्रांति और एक नए मॉडल के रूप में देखता हूं, जहां जरूरतमंद परिवारों की देखभाल सरकारी धन के बिना की जा रही है। यह हमें एक सशक्त मंत्र देता है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश और यहां के लोगों की भलाई के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
इस सराहनीय पहल में अत्याधुनिक, कुशल, आधुनिक, टिकाऊ और तकनीकी रूप से उन्नत तीन बेडरूम वाले ‘स्मार्ट हाउस’ शामिल हैं। नींव का काम शुरू होने के महज छह महीनों के भीतर इन घरों का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है और इनमें ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए गौशाला जैसी विशेष सुविधाएं भी शामिल हैं। एचआरडीएस इंडिया लाभार्थी परिवारों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा पैकेज भी प्रदान करेगा। इस समग्र सहायता में 15 वर्षों का निःशुल्क जीवन बीमा और परिवार के सभी सदस्यों के लिए वार्षिक स्वास्थ्य जांच शामिल है। दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एचआरडीएस इंडिया अगले पांच वर्षों तक घरों का रखरखाव भी करेगा। उपराज्यपाल ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के सर्वांगीण और त्वरित विकास के लिए उनका निरंतर प्रयास रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों में हमने जनहित को प्राथमिकता देते हुए सर्वाेत्तम अवसंरचना का निर्माण करने के लिए भौतिक, सामाजिक और डिजिटल घटकों को एकीकृत किया है ताकि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के विकास को गति मिल सके।” उपराज्यपाल ने रियासी जिले के लोगों के जीवन स्तर को सुगम बनाने और कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों में शुरू की गई कई अवसंरचना परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। लंबे समय से लंबित मांगों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि कटरा शहर के लिए भूमिगत सीवरेज प्रणाली का काम अगले छह महीनों के भीतर शुरू हो जाएगा। कटरा के लिए मास्टर प्लान वर्तमान में अंतिम चरण में है और अनुमोदन के लिए निर्धारित है। उन्होंने कहा कि इंटर-मॉडल स्टेशन की स्थापना के लिए भी प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
उपराज्यपाल ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ और पूरी टीम की बचाव और राहत कार्यों के दौरान उनकी समर्पित सेवा और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए सराहना की। उन्होंने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहलों की श्रृंखला साझा की। कटरा में शंकरचार्य मंदिर का निर्माण जो 30 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है स्थानीय आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आध्यात्मिक परिवेश को भी समृद्ध करने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह बोर्ड द्वारा पिछले वर्ष रियासी में पांच मंदिरों के सफल निर्माण के बाद किया जा रहा है और इसके अलावा पांच और मंदिरों का निर्माण जारी है। बोर्ड ने संस्कृत और वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देना अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता बनाया है।
कठुआ के चूड़ामणि संस्कृत संस्थान न्यास को 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान और विभिन्न संस्कृत और वेद पाठशालाओं और गुरुकुलों को निरंतर समर्थन देना इसका प्रमाण है। बोर्ड के गुरुकुल ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। निरंतर प्रयासों के चलते श्राइन बोर्ड को पर्यावरण उत्कृष्टता के लिए कई राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी मिले हैं। बोर्ड ने रियासी और आसपास के इलाकों में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से 22 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पाद खरीदे हैं और इस साझेदारी को 50 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना है। श्राइन बोर्ड सामुदायिक सेवा के प्रति समर्पित है और हाल ही में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त 15 स्कूलों का पुनर्निर्माण कर रहा है। इसके अलावा उसने पिछले सात वर्षों में पवित्र तीर्थस्थल के आसपास के गांवों के विकास में 12 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
27 करोड़ रुपये की लागत से कटरा और शिव खोडी में हेलीपैड का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। ये सुविधाएं शिव खोडी के हाल ही में पूर्ण हुए पुनर्निर्माण के साथ जल्द ही तीर्थयात्रियों को समर्पित की जाएंगी ताकि उन्हें सुगम तीर्थयात्रा का अनुभव मिल सके। उपराज्यपाल ने कहा, “कटरा में देवी का अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय भी बन रहा है।” उपराज्यपाल ने श्राइन बोर्ड द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए उठाए गए कई उपायों पर प्रकाश डाला। तीर्थयात्रियों के लिए बीमा कवर 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है और तीर्थयात्रियों के चिकित्सा उपचार पर प्रतिवर्ष लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च करता है। उपराज्यपाल ने बरिदार परिवारों के कल्याण के प्रति श्राइन बोर्ड की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया। लगभग 777 परिवारों को अपनी बेटियों के विवाह के लिए सहायता प्राप्त हुई। कंजक समृद्धि योजना के तहत 565 युवतियों को 9.49 करोड़ रुपये की दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान की गई।
उन्होंने आगे बताया कि बालिका दत्तक योजना के तहत बरिदार परिवारों की 154 युवतियों को 3.2 करोड़ रुपये के व्यय से लाभ मिला। इस शिलान्यास समारोह में जिला विकास परिषद रियासी के अध्यक्ष सरफ सिंह नाग; श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा के विधायक बलदेव राज शर्मा; संभागीय आयुक्त जम्मू रमेश कुमार; सूचना एवं पुलिस प्रमुख जम्मू भीम सेन तुती; श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सचिन कुमार वैश्य; उधमपुर-रियासी रेंज की डीआईजी सारा रिजवी; रियासी की उपायुक्त निधि मलिक; मानव संसाधन सुरक्षा विभाग (एचआरडी) इंडिया की सह-प्रशासिका वंदना पाल, नागरिक और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।



