डीएम ने महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर लापरवाह कर्मचारियों पर की कार्रवाई

बांदा, 3 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में जिलाधिकारी जे. रीभा ने बुधवार प्रातः 9 बजे जिला चिकित्सालय (महिला) में औचक निरीक्षण कर चिकित्सा व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति परखते हुए बड़ी कार्रवाई की। निरीक्षण की शुरुआत पीएनसी वार्ड से की गई, जिसके बाद एसएनसीयू वार्ड, लेबर रूम और ओपीडी का भी विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में कई कमियां सामने आईं, जिन पर जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित कर्मचारियों को कठोर चेतावनी दी और एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए।

निरीक्षण के दौरान पीएनसी वार्ड में नवप्रसूताओं की केसशीट उपलब्ध न मिलने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जताई। इसके साथ ही निर्धारित समय पर ड्यूटी पर मौजूद न रहने पर संबंधित स्टाफ नर्स का एक दिन का वेतन रोकने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रसव के बाद नवप्रसूताओं और नवजातों की देखरेख में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने अस्पताल के ड्यूटी रजिस्टर और हाजिरी रिकॉर्ड की भी जांच की, जिसमें 6 डॉक्टर, 2 लैब टेक्नीशियन और 8 अन्य कर्मचारी निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाए गए। अनुशासनहीनता पर सख्त रुख अपनाते हुए डीएम ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश जारी किए।

इसके अलावा उन्होंने मेडिकल स्टाफ का साप्ताहिक ड्यूटी चार्ट तैयार कर उसे प्रमुख स्थान पर डिस्प्ले बोर्ड पर चस्पा करने के निर्देश भी दिए, ताकि मरीजों और तीमारदारों को स्टाफ की उपलब्धता की स्पष्ट जानकारी मिल सके। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि प्रसव उपरांत नवप्रसूताओं को कम से कम 48 घंटे अस्पताल में मेडिकल निगरानी में रखा जाए, जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति का समय से उपचार हो सके।

जिलाधिकारी की ओर से की गई कार्रवाई काे स्वास्थ्य विभाग में अनुशासन और कार्यकुशलता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त और महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह