प्रधानमंत्री ने भारत की विभिन्न संस्कृतियों को एक माला में पिरोने का काम किया : महापौर

--भारत की संस्कृति ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए पूरे विश्व के कल्याण की कामना : गणेश केसरवानी--‘‘काशी तमिल संगमम्’’ यात्रा से उत्तर और दक्षिण की संस्कृति, आध्यात्मिक विरासत को जानने और समझने का मिल रहा अवसर : सुरेन्द्र चौधरी

प्रयागराज, 08 दिसम्बर (हि.स.)। ‘‘काशी तमिल संगमम्’’ कार्यक्रम के तृतीय दल के सदस्यों का सोमवार को प्रयागराज आगमन पर महापौर गणेश केसरवानी, विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी एवं नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर टीम के सदस्यों का भव्य रूप से स्वागत किया। तृतीय दल में लगभग 200 सदस्य प्रयागराज आयें।

इस अवसर पर संगम क्षेत्र के वीआईपी घाट के पास आयोजित कार्यक्रम में महापौर गणेश केसरवानी, विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी द्वारा दल के टीम लीडर को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया तथा गंगा जल भेंट किया गया। क्षेत्रीय अभिलेखागार एवं राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय द्वारा अभिलेख एवं पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी, जिसमें कागज तथा ताड़पत्र के पौराणिक ग्रंथो के प्रदर्श विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर एन0सी0जेड0सी0सी0 द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी की गयी।

महापौर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक एकता को गतिशीलता, मजबूती प्रदान करने, भारत की भिन्न-भिन्न संस्कृतियों को एक माला में पिरोने के लिए काशी तमिल संगमम् यात्रा का आयोजन किया है। आप लोगों को इस यात्रा में काशी, प्रयागराज की संस्कृति के साथ भारत की इस वैभवशाली परम्परा को देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। तमिल और हिंदी के साहित्यकारों ने भारत की संस्कृति को सेतु के रूप में बांधने का काम किया है। तमिल साहित्यकार भारतीय, नगराजन, पूज्यसंत तिरूवल्लुवर, जिन्होंने जीवन के मर्म को लिखने का काम किया है, ठीक उसी प्रकार दोहो में हमारे उत्तर भारत के संत तुलसीदास, सूरदास, कालीदास के ग्रंथों को अवलोकन करने के बाद सबका सार एक जैसा ही है। सबने अपनी-अपनी भाषाओं में भारत के जीवन का सार लिखने का कार्य किया है। यही भारत की शक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारी पुरातन संस्कृति में कभी भाषा का विवाद एवं जातीयता का उन्माद नहीं रहा। हमारी संस्कृति में ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए पूरे विश्व के कल्याण की कामना करता है।

इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि जब से नरेन्द्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से भारत को जोड़ने का काम किया है। आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सनातन धर्म में समरसता देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता को सुनाते हुए कहा कि भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है, यह एक जीता जागता राष्ट्र पुरूष है। यह वंदन की धरती है, अभिनंदन की धरती है, यह तर्पण की भूमि है, अर्पण की भूमि है, इसकी एक-एक नदी हमारे लिए गंगा है, कण-कण हमारे लिए शंकर है। जीयेंगे तो भारत के लिए, मरेंगे तो भारत के लिए। उन्होंने कहा कि ‘‘काशी तमिल संगमम्’’ यात्रा से उत्तर और दक्षिण की संस्कृति, परम्पराओं, वातावरण को समझने तथा एक दूसरे की भाषा को सीखने व संवाद का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है।

काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यों को सुसज्जित नावों द्वारा वीआईपी घाट से संगम ले जाकर मां गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम का अवलोकन स्नान कराया गया तथा तीर्थराज प्रयागराज के महत्व के बारे में बताया गया। संगम क्षेत्र के अद्भुत एवं मनोहारी दृश्य देखकर सदस्यगण मंत्रमुग्ध हो गये। सदस्यों द्वारा संगम क्षेत्र में वीआईपी घाट पर बनाये गये सैण्ड आर्ट का अवलोकन किया गया। तत्पश्चात काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यों ने लेटे हनुमान जी का दर्शन एवं पूजन किया। इसके उपरांत टीम के सदस्य शंकर विमान मण्डपम मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर भी गये।

कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रभाकर त्रिपाठी ने किया। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशन में नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों द्वारा काशी तमिल संगमम् यात्रा के दूसरे दल के सदस्यों की यात्रा को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराया गया। इस अवसर पर प्रा० सहायक राकेश कुमार वर्मा, हरिशचंद्र दुबे सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र