शीतकालीन सत्र में बुंदेलखंड की आवाज बने सांसद अनुराग शर्मा

--संसद में रखे 70 से अधिक सवाल, क्षेत्रीय विकास से लेकर राष्ट्रीय नीतियों तक मजबूत हस्तक्षेप

झांसी, 23 दिसम्बर (हि.स.)। झांसी–ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग शर्मा ने संसद के शीतकालीन सत्र में सक्रिय, तथ्यपूर्ण और जनहितकारी संसदीय भूमिका निभाते हुए 70 से अधिक प्रश्न सदन में रखे। इन प्रश्नों के माध्यम से उन्होंने बुंदेलखंड की जमीनी समस्याओं को राष्ट्रीय नीति विमर्श से जोड़ा और स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, खेल, पर्यावरण, रक्षा, कृषि एवं अधोसंरचना जैसे विषयों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया।

सांसद ने एमएसएमई मंत्रालय से उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024–25 के बजट आवंटन, योजनाओं और बुंदेलखंड के जिलों—झांसी, ललितपुर, बांदा, महोबा, हमीरपुर व चित्रकूट—में एमएसएमई क्लस्टरों की स्थिति पर प्रश्न किए। उन्होंने बुंदेलखंड को “एमएसएमई प्राथमिकता क्षेत्र” घोषित करने, रियायती भूमि, सुलभ ऋण और विपणन सहायता जैसे विशेष प्रोत्साहनों की मांग सदन में मजबूती से रखी। परमाणु ऊर्जा मंत्रालय से सांसद ने कैंसर उपचार में रेडिएशन थेरेपी, पीईटी-सीटी, ब्रैकीथेरेपी और रेडियो आइसोटोप आधारित तकनीकों के विस्तार पर सरकार की रणनीति पूछी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से सांसद ने एमएआई, टीआईईएस योजनाओं, दिल्ली–मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर और यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की बुंदेलखंड में प्रगति की समीक्षा संसद में रखी। पर्यावरण मंत्रालय से सांसद ने वृक्षारोपण, पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन, कार्बन अवशोषण, सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार सृजन और सामुदायिक भागीदारी पर सवाल उठाए। रक्षा मंत्रालय से सांसद ने पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की इंटर्नशिप योजनाओं, युवाओं की नीति-निर्माण में भागीदारी और शैक्षणिक संस्थानों से सहयोग पर विस्तृत जानकारी मांगी। सांसद ने कौशल विकास योजनाओं, आयुष स्वास्थ्य केंद्रों के डिजिटलीकरण, औषधीय पौधों के संरक्षण तथा बुंदेलखंड में राष्ट्रीय राजमार्गों, पुलों और फ्लाई ओवर परियोजनाओं की प्रगति को संसद में प्रमुखता से उठाया।

शीतकालीन सत्र में सांसद अनुराग शर्मा द्वारा उठाए गए प्रश्न यह स्पष्ट करते हैं कि वे बुंदेलखंड को केवल समस्याओं का क्षेत्र नहीं, बल्कि संभावनाओं का केंद्र बनाने के लिए नीति, संसाधन और राजनीतिक इच्छाशक्ति को एक मंच पर लाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्र की जनता को उम्मीद है कि इन प्रश्नों के माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाएं बुंदेलखंड तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचेंगी और विकास को नई दिशा मिलेगी।

--विशेष बुंदेलखंड कृषि मिशन की मांग

कृषि मंत्रालय से सांसद ने सूखा, जल संकट और मृदा क्षरण से जूझ रहे बुंदेलखंड के लिए विशेष कृषि विकास मिशन, माइक्रो-इरिगेशन, सूखा-रोधी फसलें और अलग बजट की आवश्यकता पर बल दिया।

--खेल और युवाओं के भविष्य पर फोकस

युवा मामले एवं खेल मंत्रालय से सांसद ने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के अंतर्गत चयनित खिलाड़ियों, उनके प्रदर्शन और ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों के खिलाड़ियों को जोड़ने की योजना पर प्रश्न किए। शिक्षा मंत्रालय से पूछे गए सवालों में नई शिक्षा नीति, शिक्षक प्रशिक्षण, कौशल विकास, डिजिटल असमानता, भारतीय भाषाओं के संवर्धन और एससी-एसटी एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच पर जोर दिया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया