ईडी ने इंदौर के कांग्रेस नेता गोलू के खिलाफ पेश किया चालान

इंदौर, 23 दिसंबर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्य प्रदेश में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेता विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री के खिलाफ मंगलवार को इंदौर की अदालत में चालान पेश कर दिया। उनके करीबी तरुण श्रीवास्तव के खिलाफ भी चालान दाखिल किया है। यह चालान इंदौर स्थित ईडी के स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया है। मामला अवैध डब्बा व्यापार और ऑनलाइन सट्टेबाजी के गिरोह से जुड़ा है, जिसकी गतिविधियां इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और दुबई तक फैली थीं। इस पूरे नेटवर्क से करीब 404 करोड़ रुपये की कमाई की गई थी।ईडी के अनुसार जांच में सामने आया कि विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री इस नेटवर्क का मुख्य संचालक था, जबकि तरुण श्रीवास्तव उसकी मदद करता था। तरुण दिन-प्रतिदिन के वित्तीय संचालन और फर्जी खातों को संभालता था। नेटवर्क में श्रीनिवासन रामासामी ने फर्जी ट्रेडिंग और एमटी5 सर्वरों को कॉन्फिगर किया था। समानांतर सट्टेबाजी नेटवर्क में धवल देवराज जैन ने भूमिगत प्लेटफॉर्म लोटसबुक247 का संचालन किया। धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी ने ऑफशोर इकाई ईबुल कैपीटल का प्रबंधन किया, जबकि निधि चंदनानी ने दुबई स्थित संरचनाओं के माध्यम से कैश फ्लो और हेर-फेर में सहायता की। जांच में पाया कि ग्राहकों को नकली ट्रेड दिखाए गए थे। वी मनी और 8 स्टाक हाईट जैसे प्लेटफॉर्म पर ट्रेड किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से नहीं किए गए थे। वहीं, लोटसबुक 247 और 11 स्टार्स जैसे सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म गुमनाम खातों और एन्क्रिप्टेड संचार के जरिए संचालित किए जा रहे थे। हेरफेर किए गए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों और अनियमित व्हाइट-लेबल एप्लिकेशन से 404.46 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है। ईडी मुंबई ने जुलाई 2025 में डिब्बा कारोबारियों और ऑनलाइन सट्टेबाजों पर छापेमारी की थी, जिसकी कड़ी इंदौर के कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री से जुड़ी पाई गई। इससे पहले दिसंबर 2024 में इंदौर में गोलू के ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे थे। तलाशी के दौरान 5.21 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 59.9 किलोग्राम चांदी की छड़ें और 100 ग्राम सोने की छड़ जब्त की गई। इसके अलावा 1.94 करोड़ रुपये के आभूषण और 4.77 करोड़ रुपये की लग्जरी घड़ियां भी जब्त की गईं। 41 लाख रुपये से अधिक की क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स को फ्रीज किया गया। ये सभी संपत्तियां गिरोह की अवैध गतिविधियों से अर्जित बताई गई हैं। दिसंबर 2024 में गोलू अग्निहोत्री और उनके मित्र तरुण श्रीवास्तव जांच के दायरे में आए थे। जांच में सामने आया कि अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म व्हाइट-लेबल एप के जरिए संचालित किए जा रहे थे, जिनमें प्रॉफिट में हिस्सेदारी दी जाती थी। इसके बाद 9 जनवरी 2025 को लसूडिया थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसी छापे और एफआईआर के आधार पर मुंबई में कार्रवाई की गई। ईडी की जांच में वी मनी, 11 स्टार्स, वीएम ट्रेडिंग, स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड, आईबुल कैपिटल, लोटसबुक और गेमबेट लीग जैसे एप सामने आए हैं। ईडी ने नेटवर्क में शामिल हवाला और फंड संचालकों की पहचान कर ली है। हवाला कारोबारी के तौर पर मयूर पंड्या का नाम सामने आया है। बाद में गोलू अग्निहोत्री ने ये एडमिन अधिकार धवल देवराज जैन को ट्रांसफर कर दिए। इसमें गोलू ने अपने पास 0.125 प्रतिशत और जैन को 4.875 प्रतिशत हिस्सेदारी दी। इसके बाद जैन ने अपने साथी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ एक व्हाइट-लेबल प्लेटफॉर्म तैयार किया, जिसे गोलू को 11 स्टार्स संचालन के लिए दिया गया।ईडी ने इंदौर पुलिस की एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं 319(2) और 318(4) के तहत दर्ज थी। जांच में आरोपियों का संबंध मुंबई के एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज केस से भी पाया गया। उस केस में महाराष्ट्र जुआ निषेध अधिनियम और आईटी एक्ट की संबंधित धाराएं भी लगी थीं। जांच में फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटें और हवाला नेटवर्क के सक्रिय होने की पुष्टि हुई थी।-----------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर