घबराने की जरुरत नहीं है राज्य शासन आपके साथ : मुख्यमंत्री डॉ यादव
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- Dec 31, 2025



- इंदौर में दूषित पानी से अब तक 10 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में पहुंचकर दूषित जल से बीमार मरीजों का जाना हालचाल
भोपाल, 30 दिसम्बर (हि.स.)। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि 150 से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार शाम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर पहुंचे। उन्होंने दूषित जल पीने से पीड़ित और प्रभावितों से मिलकर भरोसा दिलाते हुए कहा कि चिंता न करें, सब कुछ अब ठीक होगा। आप सभी पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घर सकुशल पहुँचेंगे। यहाँ आपको बेहतर से बेहतर उपचार नि:शुल्क दिया जाएगा। उन्होंने प्रभावितों और उनके परिजनों से कहा कि राज्य शासन आपके साथ है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा को निर्देशित किया कि सभी प्रभावितों का नि:शुल्क उपचार सुनिश्चित किया जाये साथ ही इसकी निगरानी भी हो। यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रभावितों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने प्रभावितों तथा परिजनों के जीवन निर्वाह, कामकाज आदि के बारे में भी जाना।
मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सा विशेषज्ञ और अस्पताल स्टॉफ से भी चर्चा की। उन्होंने अधिकरियों और चिकित्सकों को निर्देश दिये कि वे अस्पताल में भर्ती प्रभावितों के उपचार में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखें। प्रभावितों को बेहतर से बेहतर सुविधाएँ, नि:शुल्क दवायें, इंजेक्शन, जाँच और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों को शुद्ध पेयजल मिले।
मुख्यमंत्री डॉ यादव इंदौर में भागीरथपुरा में हुई घटना के प्रभावितों से मिलने के लिए बुधवार की शाम परदेशीपुरा स्थित वर्मा अस्पताल, नंदानगर स्थित बीमा अस्पताल,एमआईजी चौराहा स्थित डीएनएस अस्पताल, रेसकोर्स रोड़ स्थित शैल्बी अस्पताल, एम.वाय.अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में पहुँचे। उन्होंने प्रभावितों से अस्पताल में उपलब्ध कराए जा रहे उपचार तथा अस्पताल में भर्ती होने के पूर्व निर्मित हुई स्थितियों के बारे में और उनके कामकाज आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सकों और प्रशासनिक अधिकारियों से चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की।
इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्पमित्र भार्गव, विधायकगण मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे व नीरज मण्डलोई, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाडे़, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव,एमआईसी सदस्य बबलू शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
घटना की पुनरावृत्ति रोकने के होंगे पूरे इंतजाम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना के संबंध में जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज इंदौर में समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने घटना की पृष्ठभूमि, वर्तमान स्थिति और अब तक की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली तथा स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति किसी भी स्थिति में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस संबंध में लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे इंतजाम सुनिश्चित किये जायेंगे जिससे की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति पर सतत निगरानी एवं त्वरित निर्णय सुनिश्चित करने के लिए अपर मुख्य सचिव संजय दुबे को इंदौर में ही तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम की आवश्यकता को देखते हुए पर्याप्त अमला और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। जलापूर्ति पुनः प्रारंभ होने पर कहीं भी लीकेज या संदूषण की आशंका पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से में जलापूर्ति शुद्ध पाई गई है, जबकि शेष हिस्सों में पुरानी एवं क्षतिग्रस्त लाइनों के कारण समस्या सामने आई है, जिन्हें दुरुस्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर हुई किसी भी प्रकार की लापरवाही की जांच की जा रही है। विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार अधिकारियों एवं एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक भी नागरिक को इस प्रकार का कष्ट न हो—यह हमारी जिम्मेदारी है। जो हुआ वह दुखद है, लेकिन इससे सबक लेकर भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए सरकार पूरी दृढ़ता से कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, शासकीय एवं निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से इस आपात स्थिति को नियंत्रित किया गया है और प्रभावित नागरिकों को समय पर उपचार उपलब्ध कराया गया है।
बैठक में बताया गया कि शहर के भागीरथपुरा वार्ड क्रमांक में गंदे पानी की आपूर्ति की आशंका सामने आने के बाद त्वरित कार्रवाई की गई। बीते दो-तीन दिनों में लगभग 40 हजार से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 2 हजार 456 संदिग्ध मामलों में लक्षण पाए गए। इनमें से 212 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया, जिनमें 50 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 162 मरीजों का उपचार जारी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न अस्पतालों में जाकर मरीजों से मिले हैं और अधिकांश मरीजों की स्थिति स्थिर है।
बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा ने स्थिति के संबंध में जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर



