संथाली भाषा दिवस पर ममता बनर्जी ने किया आदिवासी विकास के लिए सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र

कोलकाता, 22 दिसंबर (हि. स.)। संथाली भाषा दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए सभी संथाली भाई-बहनों को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने संथाली भाषा के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वाले भाषा-प्रेमी आंदोलनकारियों के प्रति भी सम्मान व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि उनकी सरकार के कार्यकाल में संथाली भाषा को सरकारी भाषा का दर्जा मिला। साथ ही, संथाली भाषा को डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया गया है। ओलचिकी लिपि में पाठ्यपुस्तकें और संथाली में त्रिभाषिक शब्दकोश प्रकाशित किए गए हैं। सांउताली भाषा में पढ़ाई के लिए नए स्कूल भी खोले गए हैं।

ममता बनर्जी ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि संथाली के साथ-साथ कुरुख, कुड़माली, नेपाली, हिंदी, उर्दू, राजबंशी, कामतापुरी, ओड़िया, पंजाबी और तेलुगु भाषाओं को भी राज्य में सरकारी मान्यता दी गई है। इसके अलावा, सादरी भाषा के विकास के लिए भी सरकार प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बीते साढ़े 14 वर्षों में संथाली समुदाय सहित सभी आदिवासियों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। आदिवासी विकास के लिए अलग विभाग गठित किया गया है और 2011 की तुलना में इस विभाग के बजट में सात गुना से अधिक की वृद्धि की गई है।

उन्होंने बताया कि राज्य में आदिवासियों की जमीन के हस्तांतरण पर रोक के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। ‘जय जोहार’ योजना के तहत लगभग तीन लाख आदिवासियों को प्रति माह एक हजार रुपये की पेंशन दी जा रही है। इसके अलावा, करीब साढ़े 19 लाख अनुसूचित जनजाति जाति प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।

‘शिक्षाश्री’ योजना के तहत कक्षा पांच से आठ तक के लगभग दो लाख अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को 800 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत करीब 49 हजार आदिवासियों को व्यक्तिगत वन पट्टे और 851 सामुदायिक वन पट्टे दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 36 हजार गरीब आदिवासी केंदु पत्ता संग्राहकों के लिए विशेष सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की गई है और केंदु पत्ते का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया है। इसके साथ ही, 700 से अधिक जाहेर थान और 1,500 से अधिक माझी थान का विकास और चारों ओर फेंसिंग की गई है।

ममता बनर्जी ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को सरकारी अवकाश घोषित किया गया है। पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती पर स्टेट हॉलिडे, हुल दिवस पर सेक्शनल हॉलिडे और पवित्र करम पूजा पर सेक्शनल के बजाय स्टेट हॉलिडे की घोषणा की गई है।

इसके अलावा, आदिवासियों के लिए आठ विकास बोर्डों का गठन किया गया है और संथाली अकादमी की स्थापना की गई है। सरना/सारी धर्म को मान्यता देने के लिए राज्य विधानसभा में विधेयक पारित कर केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश के अंत में कहा कि आने वाले दिनों में भी उनकी सरकार इसी तरह आदिवासी भाई-बहनों के विकास के लिए काम करती रहेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय