सीतापुर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। सोमवार की शाम करीब 4:30 बजे परसेहरा शरीफपुर गांव की गलियों में अचानक चीखें गूंज उठीं। लोग घरों से बाहर निकले तो देखा—आंगन में मनोज कुमार वर्मा (45) लहूलुहान पड़े थे और उनका शरीर धीरे-धीरे ठंडा पड़ रहा था। हमला करने वाला कोई बाहरी नहीं, बल्कि उनका अपना बड़ा भाई प्रमोद कुमार वर्मा था।
ग्रामीणों के मुताबिक दोनों भाई शराब के नशे में धुत थे। पहले गाली-गलौज हुई, फिर धक्का-मुक्की और देखते-ही-देखते प्रमोद ने पास पड़े बांके से मनोज की गर्दन व चेहरे पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। कुछ ही पलों में मनोज की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद आरोपित प्रमोद पूरे परिवार के साथ गांव से फरार हो गया।
मनोज की जिंदगी पहले ही जख्मों से भरी थी। पत्नी की मौत हो चुकी थी, न कोई संतान, न सहारा। अपनी जमीन भी वह बेच चुका था। गांव वालों का कहना है कि वह लम्बे समय से शराब का आदी था और आए दिन नशे में गाली-गलौज और मारपीट करता रहता था। कुछ दिन पहले ही वह गांव की एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में जेल से छूटकर लौटा था। लोग कहते हैं—“नशे ने उसे जिंदा भी नहीं रहने दिया और मरने पर भी चैन नहीं दिया।”
घटना की सूचना मिलते ही हरगांव पुलिस के साथ सीओ सदर नेहा त्रिपाठी मौके पर पहुंचीं। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एएसपी दक्षिणी दुर्गेश सिंह ने बताया कि आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है और गांव में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
आज परसेहरा शरीफपुर में चूल्हे तो जल रहे हैं, लेकिन हर दिल में डर और अफसोस की आग सुलग रही है। लोग बस यही कह रहे हैं—“काश, शराब ने इन दोनों भाइयों को भाई ही रहने दिया होता।”
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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma



