सिरसा: सशस्त्र सीमा बल के जवान सुरजीत पंचतत्व में विलीन

शहीद बेटे सुरजीत के दर्शन करती मां ।

सिरसा, 23 दिसंबर (हि.स.)। सिरसा जिले के गांव ढुकड़ा निवासी सशस्त्र सीमा बल के जवान सुरजीत मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। इस दौरान हजारों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार अजय कुमार व एसएचओ राधे श्याम ने पुष्पचक्र अर्पित कर जवान को नमन किया। गांव के खेल मैदान में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

उल्लेखनीय है कि सुरजीत सिंह गुवाहटी के सीवान में ड्यूटी के दौरान सडक़ हादसे में ट्रक पलटने से शहीद हो गए थे। मंगलवार को उनकी पार्थिव देह गांव ढुकड़ा में पहुंची। शहीद के पार्थिव देह को पहले उनके पैतृक गांव गुडिय़ाखेड़ा (राजस्थान) ले जाया गया, जहां ग्रामीणों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद गांव ढुकड़ा में पार्थिव देह लाई गई, जहां शहीद के बेटे राहुल ने चिता को मुखाग्नि दी।

इस दौरान इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला, ऐलनाबाद के विधायक भरतसिंह बैनीवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष बैनीवाल, चेयरमैन सूरजभान बुमरा, सीमा सुरक्षा बल से इंस्पेक्टर मोंटू सिंह,भाजपा नेता हनुमान कुंडू, नाथुसरी चौपटा तहसीलदार, थाना प्रभारी राधेश्याम, सरपंच राजेंद्र ढूकड़ा सहित हजारों की संख्या में वीर सपूत को नमन किया।

ग्रामीणों के अनुसार सुरजीत फौजी केवल एक साहसी सैनिक ही नहीं थे, बल्कि वे गांव के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत, मार्गदर्शक और आदर्श व्यक्तित्व थे। उन्होंने गांव में खेल ग्राउंड के लिए निरंतर प्रयास किए और आर्मी की तैयारी कर रहे बच्चों से उनका विशेष लगाव रहा। वे हमेशा युवाओं को अनुशासन, मेहनत, आत्मविश्वास और देशभक्ति के मार्ग पर आगे बढऩे की प्रेरणा देते रहे। सुरजीत सिंह 2013 में फौज में भर्ती हुए थे।

वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढूकड़ा में भी शोक सभा का आयोजन किया गया। विद्यालय की प्राचार्य मोनापुरी ने कहा कि विद्यालय के पूर्व छात्र शहीद सुरजीत सिंह के देश सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने पर विद्यालय परिवार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। मोना पुरी ने कहा कि सुरजीत सिंह विद्यालय के ऐसे छात्र थे, जिन पर संस्था को हमेशा गर्व रहेगा।

विद्यालय के अध्यापकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि सुरजीत सिंह अत्यंत विनम्र, जिम्मेदार और सकारात्मक सोच रखने वाले विद्यार्थी थे। अध्यापकों के अनुसार, सुरजीत सिंह में बचपन से ही देश सेवा की भावना स्पष्ट दिखाई देती थी। वे सेना और सुरक्षा बलों से जुड़ी बातों में विशेष रुचि लेते थे और हमेशा कहा करते थे कि वे देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma