मेदिनीपुर, 19 दिसंबर (हि. स.)। मेदिनीपुर जिला अदालत ने शुक्रवार को चार वर्ष पुराने एक जघन्य सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन आरोपितों को दोषी ठहराते हुए आमरण आजीवन कारावास (प्राकृतिक मृत्यु तक कारावास) की सजा सुनाई। यह मामला 15 अगस्त 2020 को स्वतंत्रता दिवस के दिन घटित हुआ था, जिसने पूरे क्षेत्र में गहरा आक्रोश पैदा किया था।
सरकारी अधिवक्ता देबाशीष माइती के अनुसार, गड़वेता थाना क्षेत्र के बहड़ाशोल इलाके में सूरज सोरेन ने विवाह का झांसा देकर एक युवती को जंगल में बुलाया था। वहां पहले से मौजूद उसके तीन मित्र—दशरथ मांडी, किशन मांडी और बापन मांडी ने मिलकर युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे बदहवास हालत में छोड़कर फरार हो गए थे। घटना के समय बापन मांडी नाबालिग था।
मामले की सुनवाई करते हुए प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उदय राणा ने सूरज सोरेन, दशरथ मांडी और किशन मांडी को आमरण आजीवन कारावास तथा प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। नाबालिग आरोपित बापन मांडी का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। अदालत ने पीड़िता के पुनर्वास हेतु राज्य सरकार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



