आसनसोल में भाजपा विधायक अग्निमित्र पाल के नेतृत्व में सीपी कार्यालय घेराव, की सुरक्षा की मांग
- Admin Admin
- Dec 11, 2025
आसनसोल, 11 दिसंबर (हि. स.)। आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्र पाल ने गुरुवार को आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय का घेराव कर उनके साथ हुए अभद्र आचरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई हाथापाई में कई महिला कार्यकर्ता चोटिल हुई। विधायक की मांग थी कि पुलिस उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वासन दे। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में मुलाकात की तथा पुलिस द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद आंदोलन खत्म हुआ।
आसनसोल दुर्गापुर कमिश्नरेट अंर्तगत रानीगंज थाना के नीमचा पुलिस फाड़ी अंतर्गत तिराट के चेलोद इलाके में भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल द्वारा चलाए जा रहे पाड़ाए पाड़ाए दीदी भाई अभियान के दौरान तृणमूल कर्मियों ने विधायक के काफिले का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया।
काफी मुश्किल से भाजपा विधायक मौके से सुरक्षित निकल पाई और उन्होंने अपने समर्थकों के साथ काली पहाड़ी स्थित राष्ट्रीय राज्य मार्ग से आसनसोल की ओर जाने वाली मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। विधायक अग्निमित्रा आरोप लगाया कि उन्होंने कुछ दिन पहले बालू घाट पर अवैध रूप से बालू चोरी कर रहे बालू माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाई थी, उसी को लेकर बालू माफियाओं और तृणमूल कर्मियों ने उनकी पाड़ाए-पाड़ाए दीदी भाई अभियान को बाधित करना शुरू किया है। इससे पहले भी उन्होंने ऐसा किया था।उनके साथ बार-बार हो रही ऐसी घटना को लेकर वह काफी परेशान हैं। इसलिए उन्होंने आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर अपनी सुरक्षा निश्चित करने की मांग की है।
उन्होंने यह उनसे जवाब भी मांगा है कि वह जवाब दें कि आगे से उनके साथ तृणमूल कर्मी इस तरह की घटना को अंजाम नही देंगे, क्योंकि वह कोई पंचायत मेंबर नहीं है और ना ही कोई पार्षद। वह एक विधायक हैं और उनके कार्य को बाधा देना, उनके साथ बत्तमीजी करना एक अपराध है। जब से वह विधायक हुई हैं तभी से यानी साढ़े चार साल से जनसंपर्क अभियान चला रही हैं। एसआइआर के जरिए फर्जी वोटर का नाम मतदाता सूची से काटा गया जिसको लेकर तृणमूल चिंता में पड़ गई है।
अग्निमित्रा ने कहा कि बुधवार की घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन मूकदर्शक बनी रही। पुलिस तृणमूल की कैडर बन चुकी है। इस राज्य में कोई भी सुरक्षित नहीं है, यहां तक की राज्यपाल पर भी आरोप लगाया जाता है। बीते दिनों उनके सुरक्षा में तैनात सेंट्रल फोर्स के साथ भी स्थानीय तृणमूल पंचायत सदस्यों ने बदतमीजी की। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी भारत के संविधान को नहीं मानती तो तृणमूल कैडर क्या मानेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा डराने की राजनीति नहीं करती है। भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति में पर चलती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष विश्वकर्मा



