संगीतमय भागवत कथा में गूंजी भक्ति की धुन, स्वामी जगदीशानंद ने दिखाया धर्म–मार्ग

मीरजापुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। रोडवेज परिसर मड़िहान में बुधवार को संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिवस ने भक्तों को भक्ति, ज्ञान और रस की अनोखी दुनिया में पहुंचा दिया। कथा वाचक स्वामी जगदीशानंद महाराज ने ज्ञान शिरोमणि शुक्राचार्य के प्रेरक प्रसंग का ऐसा भावपूर्ण वर्णन किया कि उपस्थित श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।

स्वामीजी ने कहा कि प्रभु नाम का स्मरण जीवन की समस्त बाधाओं को दूर कर मोक्ष का द्वार खोल देता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सुखदेव जैसे विरक्ति धारी महापुरुष भी श्रीकृष्ण कथा के रस में डूब गए थे। मनुष्य जब मोह-माया के जाल से बाहर आता है, तभी उसके जीवन में प्रकाश फैलता है।

धर्म को अंधकार से प्रकाश की ओर जाने वाला एकमात्र मार्ग बताते हुए स्वामी जी ने कहा कि दुनिया के सभी विवाद धर्मवाद से शांत हो सकते हैं। जो परमात्मा की ओर कदम बढ़ाता है, ईश्वर स्वयं उसे सीने से लगा लेता है। उन्होंने जीवन की तुलना वीणा से करते हुए कहा कि मन के तार संतुलित रखो, बहुत ढील दोगे तो स्वर बिगड़ जाएगा और अधिक कसोगे तो तार टूट जाएगा।

कथा क्रम आगे बढ़ाते हुए स्वामीजी ने भगवान कपिल कथा का विस्तृत वर्णन किया, जिसे सुनकर उपस्थित भक्त भाव-विभोर हो उठे।

कथा में ओम प्रकाश सिंह, पंकज कुमार पांडेय, गुलाब सिंह पटेल, विनोद चौरसिया, उमाशंकर चौरसिया, दीपेंद्र उर्फ दीपू पटेल, राजू शर्मा, गोपाल सोनी सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा