नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को प्रोडक्ट के बजाय पर्सनेलिटी बनाने पर जोर- केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव
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- Dec 10, 2025
जयपुर, 10 दिसंबर(हि.स.)। केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में सदैव अग्रणी रहा है। स्कूल शिक्षा में अजमेर, तकनीकी शिक्षा में पिलानी, कोचिंग संस्थानों में कोटा जैसे शहर आज देशभर में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को प्रोडक्ट के बजाय पर्सनेलिटी बनाने पर जोर दिया गया है। और राजस्थान में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण व उनमें मानवीय गुणों के विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री डॅा. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किए जा रहे हैं। राजस्थान की अर्थव्यवस्था ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री यादव प्रवासी राजस्थान दिवस के अवसर पर बुधवार को सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के अंतर्गत आयोजित शिक्षा क्षेत्र में अवसर, निवेश व चुनौतियों पर आयोजित विशेष सत्र में संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा और उद्यमशीलता का लोहा मनवाया है। प्रवासी राजस्थानियों का अनुभव, विशेषज्ञता और मार्गदर्शन राज्य के युवाओं को विश्वस्तरीय अवसरों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने प्रवासियों से अपील करते हुए कहा कि ज्ञान और विकास की इस यात्रा में अपनी प्रतिभा को मातृभूमि के विकास से जोड़ें जिससे राजस्थान देश में सिरमौर बन सके।
शर्मा ने कहा कि शिक्षा का देश एवं प्रदेश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। 21वीं सदी में ज्ञान ही पूंजी है। यह हमारे युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षाए कौशल, नवाचार और अनुसंधान आधुनिक अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख स्तंभ हैं और इन्हें मजबूत कर हम अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व गति दे सकते हैं। आज हमारा प्रदेश इन सभी क्षेत्रों में अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। बारहवीं कक्षा के तुरंत बाद राज्य के युवाओं के लिए कौशल उन्नयन और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अर्ली कैरियर प्रोग्रामए टेकबी शुरू किया है। साथ ही, स्कूली छात्रों में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आई.स्टार्ट कार्यक्रम का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप पॉलिसी, अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलरेटर, एवीजीसी- एक्सआर पॉलिसी, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किलिंग, स्टेट स्किल पॉलिसी जैसे अनेक निर्णयों से युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोले गए हैं।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा नागरिक का निर्माण करती है, वर्तमान में संस्कारयुक्त व मानवीय मूल्यों से युक्त शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने सत्र के दौरान उपस्थित प्रवासी राजस्थानियों व भामाशाहों से शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की अपील करते हुए कहा कि आपके सहयोग से देश को अच्छे नागरिक मिल सकते हैं। शिक्षा में निवेश देश के भविष्य में निवेश है। उन्होंने प्रदेश के विद्यालयों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं व गतिविधियों की जानकारी दी। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने प्रदेश में शिक्षा के परिदृश्य को मजबूती प्रदान करने के लिए भामाशाहों का आभार जताया है सहयोग की परम्परा को जारी रखने की अपील की।
सत्र के प्रारंभ में अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च व तकनीकी शिक्षा कुलदीप रांका ने राजस्थान में उच्च व स्कूल शिक्षा के परिदृश्य को प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने उच्च शिक्षा के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के नवाचारों व गतिविधियों की भी जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, प्रखर राजस्थान, एबीएल, बहुभाषी शिक्षा, एआई टूल्स के माध्यम से बच्चों के पठन स्तर को बढ़ाने की गतिविधि आदि पर प्रकाश डाला। साथ ही शाला स्वास्थ्य परीक्षण अभियान, हरियालो राजस्थान, सूर्य नमस्कार, विद्यार्थियों को कौशल शिक्षा देने के लिए व्यावसायिक शिक्षा आदि की जानकारी भी दी।
शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शिक्षा विभाग की ओर से भामाशाहों के सम्मान व सहयोग के लिए किए गए प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान प्रदेश के स्कूल भवनों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। राज्य सरकार इन भवनों की मरम्मत के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है पर यह काम भामाशाहों के सहयोग से ही हो सकता है। उन्होंने भामाशाहों से स्कूल भवनों के पुनर्निर्माण के लिए आगे आकर सहयोग करने की अपील की।
सत्र के दौरान आयोजित पैनल डिस्कशन में एक सवाल के जवाब में एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. असीम चौहान ने कहा कि देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसा विजनरी रीफॉर्म पिछले 30-40 वर्ष में नहीं देखा गया। अवसरों की बात करें तो जितने अवसर अभी हैं उतने पिछले कई दशकों में नहीं आए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को कई सुविधाएं मिली हैं। उन्होंने राजस्थान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश के अवसरों की जानकारी दी।
दूसरे पैनलिस्ट फिजिक्सवाला के सहसंस्थापक प्रतीक माहेश्वरी ने ऑनलाईन शिक्षा के माध्यम से बदलती शिक्षा जगत की तस्वीर पर प्रकाश डाला। उन्होंने संसाधनहीन बच्चों के उदाहरण देकर बताया कि डिजिटल शिक्षा से शैक्षिक परिदृश्य बेहतर और सुगम हो रहा है।
निदेशक आईआईटी जोधपुर अविनाश कुमार अग्रवाल ने स्टार्टअप शुरू करने के लिए आवश्यक जरूरतों पर प्रकाश डाला। आनंद राठी ग्रुप के चेयरमैन आनंद राठी ने कहा कि आज हो रही प्रगति में शिक्षा का अहम योगदान है। उन्होंने स्किल डेवलेपमेंट के छोटे कोर्स चलाए जाने की वकालत की जिससे युवाओं की स्किल्स बढ़ाई जा सकें।
पैनल डिस्कशन में ग्रुप वाइस चांसलर बिट्स पिलानी प्रो. वी रामगोपाल राव ने एक्सपीरियंशियल लर्निंग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जिससे इंडस्ट्री व शिक्षण संस्थानों की दूरी को कम कर युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके।
निदेशक आईआईएम उदयपुर अशोक बनर्जी ने आज के दौर में आईडिया के महत्व व संस्थानों में एन्टरप्रेन्योरशिप का माहौल तैयार करने की जरूरत पर प्रकाश डाला।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर



