पूसीरे की 2025 में आधुनिकीकरण, सुरक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि
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- Dec 28, 2025
गुवाहाटी, 28 दिसंबर (हि.स.)। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने वर्ष 2025 के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल अवसंरचना के आधुनिकीकरण, सुरक्षा सुदृढ़ीकरण और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। यात्रियों की सुविधा और परिचालन दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से एनएफआर के अंतर्गत 13 जोड़ी ट्रेनों को पारंपरिक आईसीएफ कोच से उन्नत एलएचबी रेक में बदला गया, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित और आरामदायक हुई है।
रेल विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी एनएफआर ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। मार्च 2025 तक कुल 3,724.57 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण पूरा किया गया। वर्ष 2024-25 के दौरान 1,141.38 आरकेएम का विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ, जबकि 2025-26 में 7 अक्टूबर 2025 तक 146.44 आरकेएम का विद्युतीकरण किया जा चुका है। इसके साथ ही एनएफआर के अंतर्गत कुल विद्युतीकृत नेटवर्क 3,871 आरकेएम तक पहुंच गया है। डिवीजनवार विद्युतीकरण में कटिहार में 788.55 आरकेएम, अलीपुरद्वार में 713.87 आरकेएम, रंगिया में 782.72 आरकेएम, लामडिंग में 1,104.63 आरकेएम और तिनसुकिया में 481.21 आरकेएम शामिल हैं, जो पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा दक्ष रेल परिचालन की दिशा में निरंतर प्रगति को दर्शाता है।
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनएफआर ने लेवल क्रॉसिंग गेटों को आधुनिक सिग्नलिंग और इंटरलॉकिंग व्यवस्था से सुदृढ़ किया है। वर्तमान में 624 इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट कार्यरत हैं तथा 582 स्लाइडिंग बूम लगाए गए हैं, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, महत्वपूर्ण हाथी गलियारों में एआई आधारित इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम लागू किए गए हैं, जिनकी मदद से 2025 में अब तक 160 से अधिक हाथियों की जान बचाई जा सकी है। यह पहल यात्रियों के साथ-साथ पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति एनएफआर की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
एनएफआर का योगदान राष्ट्रीय विकास में भी प्रमुख रूप से सामने आया, जब मिजोरम के आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैरबी–सैरांग रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे आइजोल का देश के राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से सीधा जुड़ाव हुआ है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में व्यापक परिवर्तन आएगा। उन्होंने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में रेलवे की भूमिका को भी रेखांकित किया।
यात्री सुविधाओं को और सुदृढ़ करते हुए, हैबरगांव रेलवे स्टेशन असम का पहला स्टेशन बना, जिसे देशभर में पुनर्विकसित 103 अमृत स्टेशनों के उद्घाटन के तहत प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया। इसके साथ ही, एनएफआर के रेलवे सुरक्षा बल ने सीईआईआर पोर्टल के माध्यम से 174 खोए हुए मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें से 146 मोबाइल उनके वास्तविक मालिकों को लौटाए जा चुके हैं।
ये सभी उपलब्धियां पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे की सुरक्षा, आधुनिकीकरण, यात्री संतुष्टि और पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



