(वार्षिकी-2025) एनएसई का मार्केट कैप 469 लाख करोड़ रुपये के पार, पूंजी निर्माण में भी बड़ा उछाल
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- Dec 26, 2025
मुंबई, 26 दिसंबर (हि.स)। शेयर बाजार में दिग्गज कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए वर्ष 2025 पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला निफ्टी वर्ष 2025 में बढ़कर 23,645 से 25,966 पर पहुंच गया, जो लगभग 9.8 फीसदी की बढ़त है। वहीं, एनएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 439 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 469 लाख करोड़ पर पहुंच गया, जो करीब 6.8 फीसदी की बढ़त को दर्शाता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड ने वर्ष 2025 के अपने सालाना आंकड़ें जारी किए हैं। शेयर बाजार के दोंनो प्रमुख सूचकांकों ने 9-10 फीसदी का रिटर्न दिया। हालांकि, छोटी कंपनियों में निवेशकों को नुकसान उठाना झेलना पड़ा है। एनएसई के 19 दिसंबर 2025 तक जारी आकड़ों के मुताबिक दुनिया में चल रही आर्थिक उठा-पटक के बावजूद भारत के घरेलू शेयर बाजार में उत्कृष्ट मजबूती देखने को मिली। इक्विटी बाजार, पूंजी निर्माण और निवेशकों की भागीदारी, तीनों ही मोर्चों पर बढ़त देखने को मिली।
मार्केट की स्थिति और मार्केट कैपिटलाइजेशन
एनएसई के आकड़ों के मुताबिक 50 शेयरों पर आधारित निफ्टी वर्ष 2025 में बढ़कर 23,645 से 25,966 पर पहुंच गया, जिसमें लगभग 9.8 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। वहीं, एनएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 439 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 469 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो करीब 6.8 फीसदी की बढ़त को दर्शाता है। एनएसई का मार्केट कैप और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात 136 फीसदी रहा, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग स्थिर बना रहा।
पूंजी निर्माण और प्राइमरी मार्केट की स्थिति
आकड़ों के मुताबिक इक्विटी, डेट और बिजनेस ट्रस्ट के जरिए कुल 19.17 लाख करोड़ रुपये का फंड जुटाया गया, जो कि वर्ष 2024 के 17.89 लाख करोड़ रुपये से लगभग 7 फीसदी ज्यादा रहा। इक्विटी से कुल 4.12 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि डेट के जरिए 14.72 लाख करोड़ रुपये आए। इस तरह डेट निर्माण में करीब 10 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई। इसके अलावा वर्ष 2025 में 101 मेनबोर्ड आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 1.71 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। वहीं, 112 एसएमई आईपीओ से 5,589 करोड़ रुपये का फंड आया। मेनबोर्ड आईपीओ के मामले में महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और कर्नाटक सबसे आगे रहे हैं।
सेकेंडरी मार्केट और वैश्विक पहचान
इक्विटी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में एनएसई दुनिया में नंबर एक पर रहा। दुनियाभर में होने वाले कुल कॉन्ट्रैक्ट्स में इसकी हिस्सेदारी 53.2 फीसदी रही। नई लिस्टिंग के मामले में एनएसई ने दुनिया में दूसरा स्थान हासिल किया है, जिसमें 16.2 फीसदी की वैश्विक हिस्सेदारी रही। इसके अलावा कॉर्पोरेट बॉन्ड ट्रेडिंग में भी तेजी देखने को मिली। ओटीसी और आरएफक्यू सेगमेंट में कारोबार बढ़ा, खासतौर पर आरएफक्यू टर्नओवर में सालाना 52.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
निवेशकों की भागीदारी और घरेलू संपत्ति में बढ़त
वर्ष 2025 तक देश में रजिस्टर्ड निवेशकों की कुल संख्या बढ़कर 12.4 करोड़ पहुंच गई। सिर्फ इसी वर्ष में 1.5 करोड़ नए निवेशक जुड़े हैं। निवेशकों का आधार सालाना 13.9 फीसदी बढ़ा। इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु से सबसे ज्यादा भागीदारी देखने को मिली। अप्रैल 2020 से अब तक भारतीय शेयर बाजार में घरेलू संपत्ति में करीब 53 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। यह दर्शाता है कि लंबे समय में संपत्ति बनाने में पूँजी बाजार की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है।
एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज
वर्ष 2025 में एनएसई आईएक्स ने पहली बार 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के नोटेशनल टर्नओवर का आंकड़ा पार किया, जो 1,106 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया। गिफ्ट निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स में वर्षभर में कुल 2.25 करोड़ से ज्यादा ट्रेड हुए, जिनका कुल टर्नओवर करीब 1.1 ट्रिलियन यूएस डॉलर रहा। शुरुआत से अब तक गिफ्ट निफ्टी का कुल टर्नओवर 2.53 ट्रिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच चुका है।
साल 2025 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) के लिए एक और महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है। निवेशकों की बढ़ती संख्या, मजबूत पूंजी निर्माण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता कारोबार यह स्पष्ट करता है कि भारत के पूंजी बाजार पहले से ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद हो रहे हैं। एनएसई आज देश की वित्तीय व्यवस्था की एक मजबूत रीढ़ बनकर उभरा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर



