बम हमले में बेटी की मौत से अवसादग्रस्त मां ने अधिक मात्रा में ली नींद की गोलियां, अस्पताल में भर्ती

नदिया, 31 दिसंबर (हि.स.)। करीब छह महीने पहले नदिया जिले के कालीगंज विधानसभा उप चुनाव के बाद निकाले गए विजयी जुलूस के दौरान हुए बम हमले में अपनी नाबालिग बेटी को खोने के बाद से गहरे मानसिक तनाव झेल रही सबीना यासमिन को अधिक नींद की गोलियां खाने के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। फिलहाल उनका इलाज शक्तिनगर जिला अस्पताल में चल रहा है और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है।

परिजनों का आरोप है कि बेटी की हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका से वे संतुष्ट नहीं थीं और सभी आरोपितों की अब तक गिरफ्तारी न होने के कारण सबीना यासमिन लगातार मानसिक दबाव में थीं। इसी तनाव को सहन न कर पाने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।

उल्लेखनीय है कि इसी साल 23 जून को नदिया जिले के कालीगंज विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए थे। भारी मतों से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलिफा अहमद की जीत के बाद हुए विजय जुलूस के दौरान फेंके गए बम की चपेट में आकर नाबालिग बच्ची तमन्ना की मौत हो गई थी। इस घटना में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन सभी आरोपित अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है।

तमन्ना के परिवार का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि दोषियों को सजा मिलेगी या नहीं। परिवार को आशंका है कि जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, वे जमानत पर रिहा होकर फिर से उन पर हमला कर सकते हैं। परिजनों का यह भी आरोप है कि आरोपितों की ओर से लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिससे तमन्ना की मां भय और तनाव में जी रही थीं।

परिवार के अनुसार, इसी मानसिक दबाव के चलते सबीना यासमिन ने सोमवार रात भोजन के बाद जरूरत से ज्यादा नींद की गोलियां खा लीं, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें पहले पलाशी मीरा ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया, जहां से बाद में शक्तिनगर जिला अस्पताल में रेफर किया गया।

तमन्ना के चाचा रबिउल शेख ने बताया, “बेटी की मौत के बाद से ही सबीना शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ रहती थीं और दवाइयां लेती थीं। 24 आरोपितों में से कई अभी भी बाहर हैं। जो गिरफ्तार हुए हैं, उनके जमानत पर छूटने के बाद फिर हमले की आशंका बनी हुई है। इसी डर और तनाव के कारण उन्होंने अधिक नींद की गोलियां खा लीं।”

फिलहाल अस्पताल प्रशासन के मुताबिक सबीना यासमिन की हालत स्थिर है, लेकिन परिवार अब भी न्याय और सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय