-इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2025 में मिला तीसरा पुरस्कार
पूर्वी चंपारण,12 दिसंबर (हि.स.)। नवाचार की दिशा में सुगौली के नवप्रवर्तक डॉ प्रमोद स्टीफन ने प्रेरक उपलब्धि हासिल की है।उन्होंने गोबर से सस्ती तकनीक से मीथेन गैस से सीएनजी तैयार करने का अनूठा यंत्र विकसित कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने अपने आवास नयका टोला में एक प्रेस वार्ता कर शुक्रवार काे इसकी जानकारी दी।
ऊर्जा क्षेत्र में रुचि रखने वाले प्रमोद को लंबे समय से यह जिज्ञासा थी कि आखिर मीथेन गैस से सीएनजी कैसे बनाई जाती है। इसी जिज्ञासा के समाधान के लिए वे अजहर हुसैन अंसारी सहित अन्य साथियों के साथ रामनगर (पश्चिमी चंपारण)स्थित प्लांट पहुंचे, जहां उन्होंने गैस को शुद्ध करने की विभिन्न प्रक्रिया, अलग-अलग टंकियों और बड़े गुब्बारे जैसी मशीनरी का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।वहां से लौटने के बाद उनके मन में विचार आया इसकी सभी प्रक्रिया एक ही गैस टंकी में संभव हो सकती है। इसी सोच के आधार पर उन्होंने कम लागत में मीथेन गैस से सीधे सीएनजी तैयार करने वाला यंत्र डिजाइन किया और अपने नए मॉडल ‘11 एसएफ’ को परीक्षण के लिए भेजा।
उनकी इस नवाचारपूर्ण सोच और तकनीक को देखते हुए उन्हें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में विज्ञान से समृद्धि फ़ॉर आत्मनिर्भर भारत 11SF–25 प्रतियोगिता में आमंत्रित किया गया,जिसमें कुल 78 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।उनकी खोज के बारे में विशेषज्ञों के द्वारा कठोर जांच,तकनीकी परीक्षण और पूछे गए प्रश्नों का सफलतापूर्वक उत्तर देने के बाद उनका चयन तृतीय पुरस्कार के लिए किया गया और राष्ट्रीय मंच पर उन्हें प्रशस्ति पत्र एवं स्तंभ चित्र देकर सम्मानित किया गया। सुगौली के इस आविष्कारक की उपलब्धि से क्षेत्र में हर्ष का माहौल है और स्थानीय लोग इसे ऊर्जा नवाचार की दिशा में एक प्रगतिशील खोज मान रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार



