अब जमीन-मकान की रजिस्ट्री से पहले देना होगा बिजली बिल का नो ड्यूज सर्टिफिकेट

जोधपुर, 12 दिसम्बर (हि.स.)। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जोधपुर डिस्कॉम) ने बिजली बिलों की वसूली और अदालती मुकदमों से बचने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब अचल संपत्ति (मकान, दुकान, जमीन) को बेचते या खरीदते समय बिजली विभाग से शून्य देयता प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य किया जा सकता है।

इस संबंध में जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक डॉ. भंवरलाल ने जोधपुर, पाली, सिरोही, फलोदी, बालोतरा, बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और चूरू सहित सभी संबंधित जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है।एमडी डॉ. भंवरलाल ने बताया कि गत 14 नवंबर को हुई समीक्षा बैठक में अधीक्षण अभियंताओं ने एक गंभीर समस्या उठाई थी। अक्सर देखा गया है कि उपभोक्ता बिजली के भारी-भरकम बकाया बिल छोड़े बिना ही अपनी संपत्ति बेच देते हैं। जब विभाग नए खरीदार से बकाया राशि मांगता है, तो वे संपत्ति खरीद का हवाला देकर भुगतान करने से मना कर देते हैं।

कोर्ट केस और राजस्व का नुकसान

पत्र में बताया गया है कि ऐसे मामलों में जब विभाग बिल वसूली के लिए दबाव बनाता है, तो खरीदार कोर्ट की शरण ले लेते हैं। अधिकांश मामलों में न्यायालय नए खरीदार को पुराने बकाया से राहत दे देता है। इससे न केवल विभाग पर मुकदमों का बोझ बढ़ता है, बल्कि बकाया राशि वसूलना भी नामुमकिन हो जाता है। डिस्कॉम एमडी ने जिला कलेक्टरों से आग्रह किया है कि वे अपने अधीन आने वाले पंजीयन कार्यालयों (रजिस्ट्री ऑफिस) को निर्देश दें। इसके तहत, किसी भी स्थावर संपत्ति के बेचान का रजिस्ट्रेशन करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि विक्रेता ने उस संपत्ति पर बिजली विभाग का पूरा बकाया चुका दिया है और एनओसी संलग्न की है। इस कदम से बिजली विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और अनावश्यक कानूनी पचड़ों से भी मुक्ति मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश