गीता ज्ञान सप्ताह के पंचम दिवस पर तप और संयम की महत्ता पर डाला प्रकाश

On the fifth day of the Gita Gyan week, the importance of austerity and restraint was highlighted.


कठुआ, 21 दिसंबर । स्वामी श्रद्धानंद जी के बलिदान दिवस की स्मृति में आयोजित गीता ज्ञान सप्ताह के पंचम दिवस पर आज आर्य समाज कठुआ में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।

आज के कार्यक्रम में पहले चतुर्थ अध्याय ज्ञान योग का सार प्रस्तुत किया गया और उसके बाद पंचम अध्याय तप और संयम की शुरुआत हुई। मुख्य वक्ता पुजनीय सुश्री गायत्री देवी जी ने अपने प्रवचन में तप और संयम की महत्ता पर गहन प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तपस्या आत्मा की शक्ति है और संयम उसका सौंदर्य। जब मनुष्य अपने इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है और तप के मार्ग पर चलता है, तभी वह सच्चे ज्ञान और आत्मबल को प्राप्त करता है। गायत्री देवी जी ने समझाया कि गीता का पंचम अध्याय हमें यह शिक्षा देता है कि आत्मसंयम और तपस्या से ही जीवन अनुशासित होता है और समाज में शांति व एकता का संचार होता है। उन्होंने विशेष रूप से “यज्ञ रूप प्रभु हमारे भाव उज्ज्वल कीजिए” प्रार्थना को तप और संयम से जोड़ते हुए बताया कि यह प्रार्थना हमें अपने विचारों को शुद्ध और उज्ज्वल बनाने की प्रेरणा देती है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी जम्मू‑कश्मीर के प्रदेश महामंत्री गोपाल महाजन ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गीता का संदेश केवल धार्मिक शिक्षा नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र को एकजुट करने का मार्ग है। तप और संयम से ही व्यक्ति अपने जीवन को अनुशासित कर सकता है और राष्ट्र की शक्ति को बढ़ा सकता है। युवाओं को चाहिए कि वे गीता के आदर्शों को अपनाकर समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। संरक्षक भारत भूषण ने कहा कि गीता ज्ञान सप्ताह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और युवाओं को धर्म, कर्म और ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का आंदोलन है। अध्यक्ष विशन भारती ने अपने उद्बोधन में मुख्य वक्ता गायत्री देवी जी, मुख्य अतिथ् िगोपाल महाजन और सभी उपस्थित नागरिकों का हृदय से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल आर्य समाज कठुआ का नहीं, बल्कि पूरे समाज की शक्ति और एकता का प्रतीक है। कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, समाजसेवियों और युवाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही। गीता ज्ञान सप्ताह प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न अध्यायों पर विद्वानों द्वारा प्रवचन होंगे।

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