हिसार : प्रभावी शिक्षक वही जो स्वयं निरंतर सीखने के लिए तत्पर रहे : डॉ. ईवी स्वामीनाथन

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की ओर से शिक्षकों के

लिए ‘द इनर क्लासरूम रिट्रीट’ कार्यक्रम का आयोजन

जिले के लगभग 150 विद्यालयों से आए 700 से अधिक

शिक्षकों ने सहभागिता की

हिसार, 31 दिसंबर (हि.स.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी

ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में आत्मिक सशक्तिकरण और समग्र विकास

को समर्पित ‘द इनर क्लासरूम रिट्रीट’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन बालसमंद

रोड स्थित पीस पैलेस में सफलतापूर्वक किया गया। इस विशेष रिट्रीट में जिले के लगभग

150 विद्यालयों से आए 700 से अधिक शिक्षकों ने सहभागिता की।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. ईवी स्वामीनाथन

रहे। उन्होंने दो प्रभावशाली व्याख्यान दिए ‘समग्र बुद्धि के माध्यम से प्रभावी शिक्षण’ तथा ‘ध्यान का विज्ञान’। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एक प्रभावी

शिक्षक वही होता है जो स्वयं निरंतर सीखने के लिए तत्पर रहता है और एक अच्छा कहानीकार

भी होता है। शिक्षक को विद्यार्थियों की भावनात्मक नब्ज को समझने की क्षमता होनी चाहिए।

डॉ. स्वामीनाथन ने बुधवार काे कहा कि आज के बच्चों को असफलता

को भी गरिमा के साथ स्वीकार करना सिखाया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया

कि वे विद्यार्थियों को यह समझाएँ कि जीवन में सफलता से अधिक महत्वपूर्ण खुशी है। बच्चों

के सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के आई क्यू के साथ-साथ उन्हें

भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हर कर्म में

सफलता के लिए एकाग्रता की बहुत आवश्यकता होती है और बच्चों को यह बताना जरूरी है कि

एकाग्रता कैसे बढ़ाई जाए। एकाग्रता बढ़ाने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग का निरंतर

अभ्यास अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम में हिसार ब्रह्माकुमारीज की प्रभारी

बीके रमेश कुमारी ने कहा कि वे स्वयं भी एक शिक्षिका रह चुकी हैं। शिक्षकों को स्वयं

के आत्म-सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षक का स्वभाव अहंकार रहित, सहनशील,

उच्च विचार, सद् व्यवहार, मधुर वाणी वाला, अच्छा सीखने वाला तथा शुभचिंतक होना चाहिए,

क्योंकि शिक्षकों पर समाज निर्माण की एक महान जिम्मेदारी होती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर