प्रधानमंत्री को विजेंद्र गुप्ता ने ‘शताब्दी-यात्रा’ कॉफी टेबल बुक भेंट की
- Admin Admin
- Dec 12, 2025
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री को “दिल्ली विधान सभा की प्रस्तुति शताब्दी–यात्रा, वीर विठ्ठलभाई पटेल” शीर्षक कॉफी टेबल बुक भेंट की, जो केंद्रीय विधान सभा के प्रथम भारतीय निर्वाचित अध्यक्ष वीर विठ्ठलभाई पटेल को समर्पित है। यह पुस्तक 1925 से 2025 तक भारत की संसदीय यात्रा का ऐतिहासिक दस्तावेज प्रस्तुत करती है।
पुस्तक के संबंध में गुप्ता ने प्रधानमंत्री को बताया कि यह कॉफी टेबल बुक भारत की एक सदी लंबी संसदीय एवं लोकतांत्रिक विकास यात्रा का व्यापक संकलन है। इसमें दुर्लभ अभिलेखीय तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज और वे महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं, जिन्होंने बीते सौ वर्षों में भारतीय लोकतंत्र की दिशा तय की।
पुस्तक की एक प्रमुख विशेषता 2025 में आयोजित अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन (ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस) का विस्तृत विवरण है, जिसका आयोजन केंद्रीय विधान सभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष विठ्ठलभाई पटेल के निर्वाचन की शताब्दी के उपलक्ष्य में किया गया था। यह सम्मेलन भारत की आधुनिक संसदीय परंपराओं की नींव रखने वाले इस ऐतिहासिक क्षण को श्रद्धांजलि स्वरूप आयोजित किया गया।
शिष्टाचार भेंट के दौरान गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी को अवगत कराया कि ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार में पूर्णत: क्रियाशील हो चुका है, जिससे दिल्ली देश का संभवतः पहला राज्य विधान सभा बन गया है जिसने वास्तविक समय में काम करने वाला इतना व्यापक ऑडिट मॉनिटरिंग पोर्टल लागू किया है।
उन्होंने आगे बताया कि नेशनल ई–विधान एप्लीकेशन (नेवा) के माध्यम से दिल्ली विधानसभा पूर्णत: डिजिटल एवं पेपरलेस सदन के रूप में परिवर्तित हो चुकी है। इसके अतिरिक्त विधानसभा परिसर को पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित हरित विधान सभा में परिवर्तित करने का लक्ष्य भी सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया गया है।
गुप्ता ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि दिल्ली विधान सभा को एक विशिष्ट हेरिटेज साइट के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, जिससे इसकी लोकतांत्रिक विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके। इस पहल के तहत विधानसभा परिसर को आम जनता के लिए भी खोला जाएगा, जिससे नागरिक भारत की संसदीय व्यवस्था के इस ऐतिहासिक संस्थान की यात्रा और योगदान को निकट से अनुभव कर सकेंगे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव



