सुक्खू सरकार तीन साल में आपस में भड़ास निकालने तक रही सीमित : जयराम ठाकुर
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- Dec 11, 2025
मंडी, 11 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार के तीन साल के जश्न को लेकर कहा कि जहां आपदा में सबसे अधिक नुक्सान हुआ वहीं इस सरकार ने जश्न मनाया। इससे असंवेदनशील बात कोई और नहीं हो सकती कि इस सरकार ने आपदा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाए नमक छिड़कने का काम किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के तीन साल का कार्यकाल तबाही और बर्बादी का समय रहा है। यह व्यवस्था परिवर्तन की नहीं व्यवस्था पतन की सरकार रही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है, प्रदेश में डिजास्टर एक्ट लागू है, आर्थिक संकट है। यह समय जश्न मनाने का नहीं है।
उन्होंने कहा कि पड्डल के मैदान से आज पूरे प्रदेश ने देखा कि कैसे इनके मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने एक दूसरे के खिलाफ़ आंखे तरेरते हुए भड़ास निकाली। जनता, अधिकारी और कमर्चारी भी ये देख हतप्रभ रह गए कि ये कोई मंच आपसी खुन्नस निकालने का नहीं बल्कि आपदा पीड़ितों की मदद करने और उनकी संवेदनाओं के साथ चलने का था। 3 साल के उत्सव के बाद अपना विजन रखने का मंच जिस कार्यक्रम को सरकार ने बताया वहां सिर्फ केंद्र सरकार को कोसने का काम किया गया। सुक्खू सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले 2 साल भी इसी तरह से केंद्र सरकार और पूर्व की भाजपा सरकार को कोसकर ही चलेंगे। मैंने पहले ही कहा था या सरकार विजन लाइफ है विजन पूरी तरीके से ब्लर है। आज केस मंच पर है साबित हो गया है।
उन्होंने कहा कि करीब दस करोड़ रुपए सरकारी कोष से इस सरकार ने क्या इसलिये खर्च किया कि आपस की लड़ाई सरेआम लड़ी जाए। क्या ये पैसा आपदा पीड़ितों को नहीं बांटा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ही व्यवस्था परिवर्त्तन का नाम देने वाली इस सरकार को खुद ही नंबर दे डाले कि मुख्यमंत्री सुक्खू जी ऐसा नहीं चलेगा। आज तक हम पर्दे के पीछे सुनते आए थे लेकिन आज सरेआम मंच पर लड़ाई दिखी। एक और बात आज हमें देखने को मिली और पूरी कांग्रेस ने भी देखी कि जिस हॉलीलॉज के सहारे ये सरकार सत्ता में आई उनका न तो कोई फ़ोटो और पोस्टर दिखा और खुद भी पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनका बेटा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ही मौजूद नहीं थे। ये दिखाता है कि कांग्रेस में वीरभद्र सिंह कांग्रेस के लोगों को मुख्यमंत्री सुक्खू और उनके मित्र ही खत्म करने पर तुले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस रैली में लोग आए नहीं बुलाए गए थे और कर्मचारियों पर दबाब था कि सारा काम छोड़ रैली में अवश्य आना है। रैली में स्कूली बच्चों तक को जबरन बसों में बैठाया गया। आई टी आई के बच्चों को जबरन पड्डल मैदान में धकेला गया लेकिन फिर भी ये रैली असफल और विफल रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा



