पलवल : सामुदायिक भागीदारी व तकनीक से बदलेगी यमुना की तस्वीर: शिव सिंह रावत
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- Dec 11, 2025
पलवल, 11 दिसंबर (हि.स.)। यमुना बचाओ अभियान के संयोजक और हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के पूर्व अधीक्षण अभियंता डॉ. शिव सिंह रावत ने कहा कि सामुदायिक भागीदारी, तकनीक और शासन में समन्वय ही यमुना नदी के पुनर्जीवन का वास्तविक आधार बन सकते हैं। डॉ. रावत भारत मंडपम में जियो स्मार्ट इंडिया 2025 के वाटर मैनेजमेंट समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वॉक फॉर यमुना (डब्ल्यूएफवाई) अभियान से मिले महत्वपूर्ण अनुभव साझा करते हुए नदी के पुनर्जीवन के लिए भावी रणनीति पेश की।
डॉ. रावत ने गुरूवार को जानकारी देते हुए बताया कि डब्ल्यूएफवाई और अन्य नागरिक-नेतृत्व वाली पहलों ने 2024 में यमुना प्रदूषण को राष्ट्रीय विमर्श के केंद्र में ला खड़ा किया। “यमुना फैक्टर” ने न केवल शासन की प्राथमिकताओं को प्रभावित किया, बल्कि चुनावी एजेंडा तक बदल दिया। उन्होंने कहा कि जब नागरिक स्वयं आगे बढ़ते हैं, तो नीतिगत फैसलों की दिशा भी परिवर्तित हो जाती है।
उन्होंने जल शक्ति अभियान, अटल भूजल योजना, अमृत सरोवर, जल संचय जन भागीदारी और कैच द रेन जैसी राष्ट्रीय पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं की सफलता सक्रिय जनभागीदारी के बिना संभव नहीं। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय की कमी, जवाबदेही के अभाव और सार्वजनिक भागीदारी में कमी को प्रमुख प्रशासनिक चुनौतियों के रूप में रेखांकित किया। यमुना की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए डॉ. रावत ने कहा कि नदी का विषैला जल स्वास्थ्य, कृषि और ब्रज क्षेत्र की नहर प्रणाली पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। इसे रोकने के लिए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाना समय की मांग है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग



