फर्रुखाबाद: गंगा किनारे बसी “आस्था की नगरी”, लगेगी विकास की प्रदर्शनी
- आठ अखाड़े, विकास प्रदर्शनी और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ रहेगा पुलिस का पहरा
फर्रुखाबाद, 31 दिसंबर (हि.स.)। माघ माह के आगमन के साथ ही गंगा के पांचाल घाट पर आस्था की नगरी आकार लेने लगी है। एक माह तक चलने वाले धार्मिक आयोजन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गई हैं। कल्पवास, साधु-संतों और श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए गंगा किनारे अस्थायी व्यवस्थाओं को व्यवस्थित रूप दिया जा रहा है।
कल्पवास के लिए गंगा तट पर स्थान चिन्हित कर टीन शेड लगाए गए हैं। साधु-संत और महात्मा पहले ही पांचाल घाट क्षेत्र में पहुंच चुके हैं और माघ माह भर यहीं साधना व गंगा स्नान करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ठहराव, पेयजल और स्वच्छता से जुड़ी व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार इस बार आठ अखाड़ों के लिए अलग-अलग मंडल तैयार किए गए हैं। अखाड़ों की बाउंड्री तय कर उनके भीतर ठहरने की व्यवस्था की गई है, ताकि अनुशासन बना रहे और श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू रहे।
मेला सचिव एवं अपर जिलाधिकारी दिनेश कुमार के अनुसार मेला क्षेत्र में स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है। इस बार भी 1065 शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही लगभग इतने ही नल पेयजल के लिए लगाए जा रहे हैं। सार्वजनिक शौचालयों की अलग व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए मेला क्षेत्र में सांस्कृतिक पांडाल तैयार किया गया है। यहां दिन में 11 से 3 बजे और रात में 8 से 11 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। मेला अवधि में भागवत कथा और रामकथा जैसे धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे।
गंगा तट पर धार्मिक आयोजन के साथ-साथ विकास प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं के स्टॉल लगाए जाएंगे। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ मेला क्षेत्र में लगातार निगरानी की जा रही है। प्रमुख प्रवेश और निकास मार्गों पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि भीड़ नियंत्रित रहे और किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
प्रशासनिक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन करीब दो लाख श्रद्धालु गंगा स्नान और दर्शन के लिए पांचाल घाट पहुंच सकते हैं। इसे देखते हुए यातायात, स्वास्थ्य और आपात सेवाओं को लेकर संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। अखाड़ों, स्वच्छता, पेयजल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो। अपर ज़िलाधिकारी एवं मेला सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar



