मुंबई, 10 दिसंबर (हि.सं.)। मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए यातायात नियोजन और वाहनों पर ई-चालान जारी करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग आवश्यक है। विभिन्न राज्यों और देशों में अपनाई गई प्रभावी पद्धतियों का अभ्यास करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक अध्ययन समूह गठित किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को नागपुर विधान परिषद में की।
सदस्य सुनील शिंदे ने यह प्रश्न उठाया कि कुछ यातायात हवालदार निजी मोबाइल फोन से फोटो लेकर ई-चालान जारी कर रहे हैं। इस पर उत्तर देते हुए राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया कि हवालदारों के लिए कैमरे उपलब्ध कराने पर विचार चल रहा है। मुख्यमंत्री ने अध्ययन समूह की स्थापना की घोषणा की। इस चर्चा में सदस्य प्रसाद लाड, सतेज पाटील, भाई जगताप, एड. अनिल परब और मनीषा कायंदे ने सहभाग लिया। यातायात नियोजन पर विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुंबई के विकास नियंत्रण नियम (DCR) में दोपहिया वाहनों का समुचित विचार नहीं किया गया है। इस विषय में बदलाव संभव है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। वाहन चालक को ई-चालान का संदेश तुरंत मिले, इसके लिए प्रणाली को उन्नत किया जाएगा। निर्धारित समय के बाद लंबित दंड की वसूली कठिन होने के कारण लोक अदालत आयोजित कर अमनेस्टी योजना के माध्यम से 50 प्रतिशत दंड की वसूली की जाएगी। भविष्य में दंड की राशि को फास्टैग से जोड़ने की संभावना भी परखी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई के झोपड़पट्टी क्षेत्रों में वाहन चालकों को पार्किंग की जगह उपलब्ध नहीं होती, जिसके कारण वे सड़क पर वाहन खड़ा करते हैं। इसे भी नीति में विचाराधीन रखा जाएगा।
राज्यमंत्री योगेश कदम ने आगे बताया कि यातायात हवालदारों को निजी मोबाइल फोन से फोटो न लेने के निर्देश जारी किए गए हैं और चंद्रपुर में ऐसे एक मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार



