गुवाहाटी, 31 दिसंबर, (हि.स.)। वर्ष 2025 राजनीतिक दृष्टि से असम और पूर्वोत्तर भारत के लिए अत्यंत सक्रियतापूर्ण और निर्णायक रहा। वर्ष की शुरुआत से लेकर अंत तक केंद्र और राज्य स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण राजनीतिक सम्मेलन, चुनाव, शासकीय निर्णय, विधायी पहल और उच्चस्तरीय दौरों ने क्षेत्र की राजनीति की दिशा तय की।
जनवरी माह में गुवाहाटी के उद्योगग्राम में सीपीआई-(एम) के असम राज्य सम्मेलन के साथ राजनीतिक गतिविधियों का आगाज हुआ। इसी दौरान केंद्र सरकार द्वारा असम एवं उत्तर-पूर्व के लिए मत्स्य, स्वास्थ्य, कृषि और आवास क्षेत्र में सैकड़ों करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की गई। केंद्रीय मंत्रियों राजीव रंजन सिंह, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान के दौरों ने विकास परियोजनाओं को गति दी।
फरवरी में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे और उसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू होना उत्तर-पूर्व की राजनीति की बड़ी घटना रही। इसी माह पहली बार असम विधानसभा का बजट सत्र राजधानी से बाहर कोकराझाड़ में आयोजित होना एक ऐतिहासिक कदम माना गया।
मार्च और अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लगातार उत्तर-पूर्व दौरे, नई आपराधिक कानूनों की समीक्षा, तथा लाचित बरफूकन पुलिस अकादमी जैसे संस्थानों का उद्घाटन सुरक्षा और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में अहम रहे। इसी अवधि में असम पंचायत चुनावों की घोषणा और राभा हासोंग स्वायत्त परिषद के चुनावों ने स्थानीय राजनीति को केंद्र में ला दिया।
मई में पंचायत चुनावों में भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला, जिससे ग्रामीण राजनीति में सत्तारूढ़ गठबंधन की स्थिति मजबूत हुई। इसी दौरान कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के तहत गौरव गोगोई को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
अगस्त और सितंबर में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल चुनाव, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा दौरे तथा बड़े विकास परियोजनाओं के उद्घाटन ने क्षेत्रीय स्वायत्तता और बुनियादी ढांचे के मुद्दों को प्रमुखता दी। बीपीएफ द्वारा बीटीसी चुनावों में एकतरफा बहुमत हासिल करना भी वर्ष की बड़ी राजनीतिक घटना रही।
नवंबर में बहुविवाह निषेध विधेयक सहित कई अहम विधायी फैसले लिए गए, जबकि दिसंबर में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के असम दौरे के साथ वर्ष का समापन बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाओं, सांस्कृतिक परिसरों और प्रशासनिक ढांचे के उद्घाटन के साथ हुआ।
कुल मिलाकर, वर्ष 2025 असम और पूर्वोत्तर की राजनीति में चुनावी मजबूती, प्रशासनिक सुधार, विकास परियोजनाओं और केंद्र-राज्य समन्वय के लिहाज से एक महत्वपूर्ण और निर्णायक वर्ष के रूप में दर्ज हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



