ओडिशा विधानसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का भावुक ‘घर वापसी’ संबोधन, जनप्रतिनिधियों को जनता का विश्वास बनाए रखने की दी नसीहत

भुवनेश्वर, 27 नवंबर (हि.स.)। ओडिशा विधानसभा गुरुवार को एक ऐतिहासिक और अत्यंत भावनात्मक क्षण का साक्षी बना, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने राष्ट्रपति पद के कार्यकाल में पहली बार सदन को संबोधित किया। यह अवसर न केवल औपचारिक महत्व का था, बल्कि राष्ट्रपति के लिए व्यक्तिगत रूप से भी बेहद खास रहा। उन्होंने इस संबोधन को “होमकमिंग” यानी घर वापसी करार दिया और कहा कि इसी सदन ने उनके राजनीतिक जीवन की नींव रखी थी।

रायरंगपुर से विधायक के रूप में सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने व बाद में ओडिशा सरकार में मंत्री रहीं राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा का हर मोड़ इस विधानसभा के अनुभवों से प्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि आज मैं जो भी हूं, उसका श्रेय इस सदन को जाता है। कई राज्यों की विधानसभाओं को संबोधित करने का अवसर मिला है, लेकिन ओडिशा विधानसभा को संबोधित करना मेरे लिए अत्यंत विशेष है। यह सचमुच घर वापस लौटने जैसा है।

उन्होंने कहा कि ओडिशा विधानसभा ने उन्हें न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण दिया बल्कि नेतृत्व, संवैधानिक जिम्मेदारियों और जनसेवा के मूल्यों को भी सिखाया। उन्होंने महाप्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद को भी अपनी सफलता का महत्वपूर्ण आधार बताया।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने विधायकों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहा कि लोग आपको कई सपनों के साथ यहां भेजते हैं। उनका विश्वास बनाए रखना और उनके चेहरों पर मुस्कान लाना आपका दायित्व है।

उन्होंने विशेष रूप से डिजिटल युग की पारदर्शिता का उल्लेख करते हुए कहा कि विधानसभा में बोला गया हर शब्द अब तत्काल जनता तक पहुंचता है। इसलिए जनप्रतिनिधियों को अपने वक्तव्य और व्यवहार में उच्चतम स्तर की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और बाहर—आपके शब्द और आपके कर्म समाज के लिए उदाहरण स्थापित करते हैं। अतः हर समय अत्यंत सावधानी बरतना आवश्यक है। राष्ट्रपति ने विधायकों से आग्रह किया कि वे जनता के हित और राज्य के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने अपने विधायक और मंत्री काल की यादें ताज़ा कीं। उन्होंने कहा कि एक समय वे विपक्ष में सरकार से सवाल पूछती थीं और बाद में मंत्री बनने के बाद उन्हीं सवालों का जवाब भी देती थीं।

गैलरी में बैठे कई पूर्व सहयोगियों को देखकर राष्ट्रपति मुर्मु भावुक हो उठीं और कहा कि उनकी उपस्थिति ने इस अवसर को और भी खास बना दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो