टीईटी अनिवार्यता समाप्त करने की मांग काे लेकर प्राथमिक शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
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- Dec 11, 2025
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ (एआईपीटीएफ) ने गुरुवार को जंतर-मंतर पर देशभर से आए हजारों शिक्षकों के साथ विशाल धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार का ध्यान उनकी प्रमुख मांगों की ओर आकर्षित किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में आन्दोलन किया गया।
इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी ) की अनिवार्यता थोपना अनुचित है। उन्होंने कहा कि सेवा में कार्यरत शिक्षकों से दोबारा पात्रता परीक्षा की मांग करना व्यावहारिक नहीं और इससे लाखों शिक्षक मानसिक तनाव में हैं।
उच्चतम न्यायालय द्वारा मात्र पांच वर्ष सेवा शेष रहने वालों को आंशिक छूट देने और पदोन्नति के लिए टीईटी अनिवार्य रखने पर भी उन्होंने आपत्ति जताई।
विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने निर्णय की उन शर्तों पर भी आक्रोश जताया, जिनमें बाकी सभी कार्यरत शिक्षकों को दो वर्ष के भीतर टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है और असफल रहने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की बात कही गई है। शिक्षकों का कहना है कि टीईटी एक भर्ती परीक्षा है, न कि कार्यरत शिक्षकों की पात्रता जांचने का आधार।
शिक्षक नेताओं ने स्पष्ट कहा कि 23 अगस्त, 2010 के आरटीई नोटिफिकेशन से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की योग्यता नियुक्ति समय के नियमों के अनुरूप है, इसलिए टीईटी अनिवार्यता को तत्काल समाप्त किया जाए।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामवतार पाण्डेय और घनश्याम प्रसाद यादव ने सरकार से हस्तक्षेप कर शिक्षा कानून में आवश्यक संशोधन करने की मांग दोहराई। अन्य नेताओं ने समान कार्य के लिए समान वेतन, पुरानी पेंशन बहाली, अनुबंध व संविदा शिक्षकों के नियमितीकरण तथा नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षक-विरोधी प्रावधानों को हटाने की मांग की।
इस आंदोलन को रेलवे संगठनों ने भी खुल कर समर्थन किया। रेलवे कर्मचारी संघ के महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों की मांगें नहीं मानी गईं तो रेलवे यूनियन भी कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन तेज करेगी।
इस आंदोलन में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से एएफपीए अध्यक्ष सुधीर शर्मा, मिथलेश शर्मा, राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार, ठाकुरदास यादव, आलोक मिश्रा, डॉ. अनुज त्यागी, बिपिन दुबे, उज्ज्वल तिवारी सहित अन्य कई प्रतिनिधि और रेलवे कर्मचारी नेता भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी



