होलिका दहन मैदान पर कब्जे का हुआ विरोध, निषेधाज्ञा लागू

जमीन पर हो रहा था काम रुकाजमीन पर हुआ हंगामा

रामगढ़, 26 दिसंबर (हि.स.)। रामगढ़ शहर के लोहार टोला के होलिका दहन स्थल की विवादित जमीन के कब्जे को लेकर शुक्रवार को तनाव की स्थिति कायम हो गई है। विवादित जमीन पर खूनी–संघर्ष की आशंका से जिला प्रशासन ने की धारा 163 की कार्रवाई की है। इस दौरान किसी भी पक्ष को जमीन पर जाने से रोक लगा दी गई है। शुक्रवार काे पुलिस के सामने ही विवादित जमीन पर घेराबंदी कर कब्जा करने का विराेध करने पहुंचे पूर्व विधायक शंकर चौधरी के साथ धक्का-मुक्की व बदसलूकी करने की घटना के बाद मामला बढ़ गया। इसके बाद प्रभारी एसडीओ के हस्तक्षेप के बाद काम रुका। मामले काे लेकर रामगढ़ के प्रभारी एसडीओ सह गोपनीय शाखा प्रभारी रवींद्र गुप्ता ने कहा कि विधि-व्यवस्था को लेकर विवादित जमीन पर निषेधाज्ञा लागू की गई है। इधर शहर के हृदय स्थल लोहार टोला स्थित होलिका दहन स्थल पर कथित कब्जे की कोशिश को लेकर इलाके में भारी तनाव की स्थिति बनी है।

दशकों पुरानी धार्मिक परंपरा और आस्था से जुड़ा है जमीन

दशकों पुरानी धार्मिक परंपरा और आस्था से जुड़े इस स्थल पर जैसे ही निर्माण कार्य शुरू किया गया, स्थानीय लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। स्थानीय लोगों के आग्रह पर पूर्व विधायक शंकर चौधरी लोहार टोला पहुंचकर काम का विरोध करने लगे, तो जमीन के दावेदारी करने वाले कुछ लोग उनके साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की। इससे यहां का माहौल गर्म हो गया। समर्थकों और स्थानीय लोगों में भारी रोष देखा गया। वहीं लोहार टोला में घंटों तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और काम को तत्काल बंद करने की मांग करने लगे।

पुलिस ने काम बंद करने का दिया आदेश

तनावपूर्ण हालात को देखते हुए पुलिस ने विवादित जमीन पर तत्काल काम बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद फिलहाल कार्य रोक दिया गया, जिससे इलाके में आंशिक रूप से शांति बनी।

होलिका दहन मैदान पर निषेधाज्ञा लागू, 60 दिनों तक नहीं होगा काम

रामगढ़ शहर के लोहार टोला स्थित होलिका दहन मैदन पर निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है। अनुमंडल न्यायालय से लगाए गए निषेधाज्ञा के बाद 60 दिनों तक इस भूमि पर किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं होगा। साथ ही विवादित भूमि पर किसी को भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अंचल अधिकारी एवं विनोद सिंह सहित आधा दर्जन लोगों को इस मामले में पक्षकार बनाया गया है। बीएनएसएस की धारा 163 के तहत पूर्व विधायक शंकर चौधरी, पंकज महतो के द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन के अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि दोनों पक्ष के बीच भूमि को लेकर भारी तनाव है। कभी भी अप्रिय या हिंसक घटना घटित होने की संभावना है। जिससे विधि व्यवस्था, शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।

इस मामले में दिपेन्द्र सोनी, बिनोद सिंह, दयानन्द मोदी, रामदेव प्रसाद, धर्मेद्र साव, विक्की कुशवाहा, अनिल कुशवाहा को पक्षकार बनाया गया है। सभी पत्रकारों को आठ जनवरी 2026 को अनुमंडल न्यायालय में उपस्थित होकर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। इस मामले में रामगढ़ थानाप्रभारी को भी चिट्ठी भेजी गई है ‌।

हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश