भागलपुर, 8 दिसंबर (हि.स.)। कला केंद्र भागलपुर में नव वर्ष सांस्कृतिक मेला 2026 की तैयारी को लेकर सोमवार को सांस्कृतिक समन्वय समिति की बैठक डॉ योगेंद्र की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक में गौतम कुमार ने कहा कि इस वर्ष भी नववर्ष सांस्कृतिक मेला का आयोजन कला केंद्र लाजपत पार्क के नजदीक किया जाएगा। सांस्कृतिक समन्वय समिति के संयोजक उदय ने कहा कि नव वर्ष सांस्कृतिक मेला की शुरुआत 1989 के भागलपुर दंगे के बाद समाज में व्याप्त आपसी मूकता को समाप्त करने और अपसंस्कृति के खिलाफ मुहिम के तौर पर शुरू किया गया था। शहर के दर्जनों सांस्कृतिक सामाजिक संगठनों ने मिलकर इस मेल को व्यापक मेल बना दिया। परंतु स्मार्ट सिटी के नाम पर सैनडिस्क कंपाउंड में मिला के आयोजन को रोक दिया गया प्लस स्वरूप संस्कृति कर्मियों ने इस कला केंद्र भागलपुर में करना आरंभ किया है।
बैठक में संस्कृति कर्मियों ने कहा कि नव वर्ष सांस्कृतिक मेला भागलपुर ही नहीं बिहार की पहचान बन गई है इसे हम समाप्त नहीं होने देंगे। बैठक में नव वर्ष सांस्कृतिक मेला 2026 का संयोजक राहुल को एवं सह संयोजक राजेश कुमार झा को चुना गया। जनप्रिय के गौतम कुमार ने कहा कि समाज में नशा का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, इसलिए मेला में नशा के खिलाफ भी अभियान चलाए जाने की जरूरत है। इस वर्ष यह आयोजन दो दिनों का होगावर्षान्त से वर्षारम्भ। 31 दिसंबर 2025 को वर्षान्त समारोह और 1 जनवरी 2026 को नव वर्ष सांस्कृतिक मेला का आयोजन होगा।
वर्षान्त पर -भारतीय संस्कृति की आवश्यकता और चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन होगा। अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर योगेंद्र ने सांस्कृतिक पतन पर चिंता जाहिर की और कहा कि सांस्कृतिक धारा को कैसे मजबूत और गति दे सकते हैं, इसपर काम करने की जरूरत है। नयी सांस्कृतिक धारा कैसे तैयार होगी,इसपर बहुत ही सचेत होकर विचार करना जरुरी है। हम लोगों ने धर्म और अध्यात्म को लगभग छोड़ दिया है, यह ठीक नहीं है। हमें अच्छे धार्मिक-अध्यात्मिक विचारकों की बात करने की जरूरत है। आज के माहौल में संस्कृतिक आंदोलन को नए सिरे से खड़ा करने और आम लोगों तक पहुंचाने का मुहीम चलाना होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर



